सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग का 23 अगस्त को एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में बुधवार को आईआईटी इंदौर में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। डिपार्टमेंट ऑफ एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिक्स और स्पेस इंजीनियरिंग द्वारा “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना : भारत की अंतरिक्ष गाथा’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम में इंदौर के स्कूल-कॉलेजों के 350 से ज्यादा छात्र शामिल हुए। छात्रों ने लैंस की मदद से खुद का एस्ट्रोनॉमिकल टेलीस्कोप बनाया। एक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई थी, जिसमें भारत के गौरवशाली स्पेस मिशन की गाथा दर्शाई गई। प्रदर्शनी में ऐसे मॉडल रखे गए थे, जो अंतरिक्ष और एस्ट्रोनॉमी के सिद्धांतों पर आधारित हों।
एक असली टेलीस्कोप से छात्रों को सूरज के धब्बे दिखाए गए। क्विज में स्पेस साइंस और एस्ट्रोनॉमी से जुड़े प्रश्न पूछे गए। इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने इसरो की कुछ दशकों की यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने युवा छात्रों को भारत के स्पेस मिशन से जुड़ने की प्रेरणा दी।
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने संस्थान द्वारा स्पेस के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया नेशनल स्पेस डे सेलिब्रेशन के तहत आईआईटी इंदौर ने इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के जियोसाइंस एंड रिमोट सेंसिंग सोसायटी और एमपी काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी भोपाल के साथ मिलकर एक ऑनलाइन स्पेस हैकाथॉन भी आयोजित किया। इसमें स्पेस साइंस से जुड़ी एक समस्या सभी को बताई जाएगी जिसका प्रतिभागियों को समाधान निकालना होगा। आईआईटी इंदौर के दो पीएचडी छात्रों ने भी इसरो द्वारा आयोजित नेशनल इंडियन स्पेस हैकाथॉन में भाग लिया और तृतीय पुरस्कार जीता।