इंदौर, 1 अगस्त । योद्धा फ्रंट लाइन याने डाॅक्टरों के लिए आईआईएम में ‘लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘कृतज्ञ’ की आॅनलाइन शुरूआत हुई।

सत्तर घंटे के कार्यक्रम में निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार राॅय ने डाक्टरों को एफआईआरईका महत्व बतलाया कि फालो यूअर हार्ट याने अपने दिल की सुनें। इन्वेस्ट रिलेशनशिप याने रिश्तों को मजबूती दें। रेड फाइन सक्सेस याने सफल होने के लिए नई परिभाषाएं गढे और सिम्पेथी यानी सभी से सहानुभूति रखें। सीखते रहना ही कामयाबी का मूल मंत्र है।

सीखना और ज्ञान बटोरना एक तरफा नहीं है। मन की सुनें, खुले दिमाग और दिल से हर नए व्यक्ति से मिलें क्योंकि हर व्यक्ति से कुछ नया सीखने, कर गुजरने की प्रेरणा प्राप्त होती है। जीवन का उद्देश्य केवल मंजिल या मकसद तक पहंुचना ही नहीं होता, कामयाबी एक यात्रा की तरह है और यह निरंतर होती है। हमें चाहिए कि जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करें। डाॅक्टरों को चाहिए कि वे दूसरे के दुख दर्द सुनें ही नहीं, उन्हें दूर करने में भी लगें। सुनने के बाद मरीज की समस्या का समाधान खोजें। प्रोफेसर सुधीर और डीन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट के प्रोफेसर दीपायन दत्ता चैधरी ने कहा कि यह पाठ्यक्रम डाक्टरों को कुशल बनाएगा। नेतृत्व कौशल बढ़ाने में मदद करेगा। सेवा, नेतृत्व, प्रौद्योगिकी नेतृत्व, वित्तीय प्रबंधन बातचीत और संचार कौशल सहित डाक्टर की पसंद भी इसमें शामिल रहेगी।