सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  केंद्र सरकार की पार्टनरशिप फोर एक्सलरेटेड इन्नोवेशन एंड रिसर्च (PAIR) योजना जो कि अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (आईएनआरएफ) द्वारा प्रशासित की जाती है, के तहत भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल (आईआईआईटी भोपाल) को चार प्रतिष्ठ अनुसंधान प्रोजेक्ट प्राप्त हुए हैं।

आईआईटी इंदौर के साथ साझेदारी में ‘हब संस्थान’ के तौर पर कार्य करते हुए आईआईआईटी भोपाल हेल्थ केयर एंड मेडिकल तकनीक एवं एडवांस्ड मैटेरियल्स के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राष्ट्रीय अनुसंधान पहलों में अपना योगदान देगा। आईएनआरएफ द्वारा भारतीय विज्ञान अकादमी, बेंगलुरु में आयोजित बहुस्तरीय राष्ट्रीय मूल्यांकन के माध्यम से संस्थान के प्रस्ताव चयनित किए गए। 30 फाइनलिस्ट संस्थानों में से केवल 7 को ही प्रोजेक्ट स्वीकृति प्राप्त हुई, जिससे आईआईटी भोपाल को अग्रणी शोध संस्थानों की श्रेणी की विशिष्ट श्रेणी में स्थान मिला।

हब एवं स्पोक संस्थाओं को कुल 100 करोड रुपए की संयुक्त अनुसंधान राशि प्राप्त होगी। आईआईआईटी भोपाल संस्थान के इस सफलता में चार विभागों के आठ प्राध्यापकों नेहा सिंह, आशीष परिहार, दीप चंद्र जोशी,  नीरज कुमार गिरी, राहुल चौरसिया, कमल दास, जोगेंद्र सिंह राणा और सुनील कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

इन सभी के पास  आईआईटी, सस्केचवान विश्वविद्यालय (कनाडा), ग्रेनोबल आल्प्स विश्वविद्यालय (फ्रांस), नेशनल चेंग कुंग विश्वविद्यालय (ताइवान), उप्साला विश्वविद्यालय (स्वीडन), चार्ल्स विश्वविद्यालय (चेक गणराज्य), मॉर्गन स्टेट विश्वविद्यालय, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय (यूएसए), वीज़मैन विज्ञान संस्थान (इज़राइल) जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों से व्यापक शोध का अनुभव है।

आईआईआईटी भोपाल के निदेशक प्रोफेसर आशुतोष कुमार सिंह ने इस उपलब्धि पर कहा, “यह हमारे संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और हमारे द्वारा निर्मित अनुसंधान संस्कृति का प्रतिबिंब है। हमारा वैश्विक शैक्षणिक अनुभव और सहयोगात्मक ताकत हमें भारत के नवाचार लक्ष्यों में सार्थक योगदान करने में सक्षम बना रही है।”

संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की अध्यक्ष कविता खन्ना ने टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह आईआईआईटी भोपाल में प्रो. आशुतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में उभरती शोध संस्कृति का प्रमाण है। यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि हमारे नए प्राध्यापकों का उत्साह और विशेषज्ञता मिशन-संचालित राष्ट्रीय अनुसंधान में लगाई जा रही है।

यह प्रोजेक्ट भारत के अनुसंधान क्षमताओं को राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों में सुदृढ़ करेंगे और आईआईआईटी भोपाल की भूमिका को बहु-आयामी, लक्ष्य-आधारित नवाचारों में और मजबूत बनाएंगे।

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