मुंबई । इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) का कहना है ‎कि उसे  अगले वित्त वर्ष 50,000 करोड़ रुपए ऋण आवंटन की उम्मीद है। कंपनी का मानना है कि पूंजीगत व्यय में फिर तेजी आने और ढांचागत क्षेत्र में निवेश का सिलसिला बढऩे के साथ उसका ऋण आवंटन भी बढ़ेगा। पिछले सप्ताह कंपनी ने बाजार से 1,500 करोड़ रुपए जुटाने के लिए बांड जारी किए थे।

मंजूर ऋणों के लिए रकम आवंटित करने के लिए सरकार नियंत्रित यह वित्तीय कंपनी 3,000 करोड़ रुपए तक जुटाना चाह रही है। आईआईएफसीएल के प्रबंध निदेशक पीआर जयशंकर ने बताया कि ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाएं कुछ ऐसी होती हैं कि मंजूरी ऋण के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल दूसरे वर्ष से शुरू होता है और यह सिलसिला तीसरे और चौथे वर्ष तक जारी रहता है।

हमने जितने ऋण आवेदन मंजूरी किए हैं उनके लिए एक बड़े हिस्से का आवंटन अब शुरू होगा।’ आईआईएफसीलए का बहीखाता 2020 में थोड़ा सुस्त रहा था मगर मंजूर ऋण और मंजूर ऋण सुविधा का आकार अब बढ़कर 2.12 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इनमें 30 प्रतिशत ऋण पिछले दो वर्षों के दौरान मंजूर हुए हैं। जयशंकर ने कहा कि कंपनी 2023 के आ‎खिर तक मंजूर ऋण का आकार बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए तक करना चाहती है।

सितंबर 2021 तक का कुल आवंटित ऋण का आकार बढ़कर 37,688 करोड़ रुपए रहा था। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार मार्च 2020 में यह बढ़कर 33,637 करोड़ रुपए और मार्च 2021 में यह और बढ़कर 36,647 करोड़ रुपए हो गया था। वंबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कंपनी को बांड और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट) में निवेश करने की अनुमति दी थी। जयशंकर ने कहा कि कंपनी वित्त वर्ष 2023 में इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देगी।