सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह के नेतृत्व में दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अंशुल राय को उनके शोध के द्वारा डेंटल इम्लांट के लिए नई 3डी प्रिंटिंग तकनीक को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है। डेंटल इंप्लांट का उपयोग कृत्रिम दांत लगाने में किया जाता है। इस तकनीक से डेंटल इंप्लांट पूरी सटीकता के साथ किया जा सकता है और कृत्रिम दांतों के बाहर निकलने की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है। इस तकनीक मे इंप्लांट करने से पहले मरीज का सी॰ बी॰ सी॰ टी॰ स्कैन करके थ्री डी प्रिंटिंग के माध्यम से डाइकोम इमेज बनाई जाती है। इस डाइकोम इमेज को थ्री डी प्रिंटिंग के द्वारा मॉडल का आकार दिया जाता है। फिर इस मॉडल पर आवश्यरकतानुसार स्टेंट बनाया जाता है जो डेंटल इंप्लांट में सहायक होता है। इस स्टेंट के इस्तेमाल से सटीकता के साथ-साथ सर्जरी में भी कम समय लगेगा और मरीज जल्द ठीक हो सकेगा। इस इनोवेटिव तकनीक के लिए एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने डॉक्टर अंशुल राय को उनके सफलता के लिए बधाई दी है।