सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए दो प्रमुख समाधानों का खुलासा किया, जिन पर उनके कार्यकाल से पहले भी चर्चा की गई थी। स्टिमक ने यह बातें रेवस्पोर्ट्ज से बातचीत के दौरान साझा कीं।
स्टिमक ने 2019 में इंग्लैंड के स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन की जगह भारतीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच के रूप में पदभार संभाला था। हालांकि, 2026 फीफा विश्व कप क्वालीफायर में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पिछले साल जून में बर्खास्त कर दिया गया।
लगभग एक साल बाद स्टिमक ने भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए सुझाए गए दो अहम प्रस्तावों पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि पहला समाधान भारतीय मूल के विदेशी खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का था, जबकि दूसरा राष्ट्रीय टीम को अधिक समय देने से जुड़ा था।
स्टिमक ने कहा, “मैं पहला व्यक्ति नहीं था जिसने भारतीय फुटबॉल को सुधारने के लिए भारतीय मूल के विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करने का सुझाव दिया। यह विचार मुझसे पहले भी, बॉब ह्यूटन के कोचिंग कार्यकाल के दौरान चर्चा में था। हमने दो समाधान सुझाए थे। पहला विदेशी मूल के भारतीय खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में शामिल करना और खेल प्राधिकरणों को यह समझाना कि यदि हम एक सफल राष्ट्रीय टीम चाहते हैं, तो कानून में बदलाव करना जरूरी होगा।”
स्टिमक ने कहा, “दूसरा समाधान यह था कि हमें राष्ट्रीय टीम के साथ अधिक समय मिलना चाहिए। इसके लिए हमें फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) को यह समझाने की जरूरत थी कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के कार्यक्रम को राष्ट्रीय टीम की सफलता को ध्यान में रखते हुए बदला जाए।”
स्टिमक ने आगे कहा कि उनकी ये सिफारिशें भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए थीं, लेकिन वे निर्णयकर्ताओं को मनाने में सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से, हम निर्णयकर्ताओं को यह समझाने में सफल नहीं हो सके कि भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए क्या जरूरी है।”
स्टिमक का कार्यकाल विवादों से भी भरा रहा। उनके ऊपर टीम चयन और खिलाड़ियों की कॉल-अप प्रक्रिया में एक ज्योतिषी की मदद लेने के आरोप भी लगे थे। अंततः पांच साल के मिश्रित कार्यकाल के बाद वे भारतीय फुटबॉल से अलग हो गए।