सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर-ICMR) की अपर महानिदेशक एवं क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, भुवनेश्वर की निदेशक संघमित्रा पति ने भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) का दौरा किया।


उन्होंने सर्वप्रथम भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की याद में बनाए गए स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर बीएमएचआरसी के नवनिर्मित नेत्र कोष (Eye Bank) तथा कार्निया प्रत्यारोपण केंद्र का लोकार्पण किया। उन्होंने रक्त में संक्रमण की जांच करने वाली नवीन मशीन केमिलुमिनिसेंस इम्युनोएसे मशीन Chemiluminescence Immunoassay Machine (CLIA) का लोकार्पण किया। इसके अलावा पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में आधुनिक वीडियो ब्रोंकोस्कोपी मशीन का भी लोकार्पण किया।


यह मशीन फेफड़ों के कैंसर, टीबी, निमोनिया, और सीओपीडी (COPD) जैसी बीमारियों के निदान और उपचार में सहायक है। डॉ संघमित्रा पति ने अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुखों व विभागाध्यक्षों से भी चर्चा की। इसके बाद उन्होंने संस्थान के आॅडिटोरियम में बीएमएचआरसी के प्रथम न्यूज़लेटर और वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया। डॉ संघमित्रा पति ने बीएमएचआरसी के आईबैंक को नेत्रदान करने वाली भैरुंदा के वासुदेव गांव की स्व. सेवती बाई के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक अनुराग यादव एवं अन्य वरिष्ठ चिकित्सक व अधिकारी मौजूद थे।


संस्थान के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए निदेशक संघमित्रा पति ने कहा कि आईसीएमआर परिवार को गर्व है कि उसके पास बीएमएचआरसी जैसा संस्थान है। बीएमएचआरसी में जो खूबियां हैं, वे आईसीएमआर के किसी अन्य संस्थान में नहीं हैं। बीएमएचआरसी के पास बड़ी संख्या में मरीज हैं और रोगियों का उपचार करने वाले विभाग हैं। आईसीएमआर के संस्थानों को शोध आदि कार्यों के लिए बीएमएचआरसी की आवश्यकता है ।
बीएमएचआरसी में अपने आगमन को यादगार बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए नए साल की इससे अच्छी शुरूआत कभी नहीं हुई। मुझे इस अस्पताल के कर्मचारियों में अलग सेवा भावना और संस्थान के प्रति लगाव नजर आया। अस्पताल को भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी मिली थी और मुझे यह कहते हुए काफी खुशी है कि बीएमएचआरसी ने इस जिम्मेदारी को बहुत अच्छे से निभाया है। उन्होंने कहा कि बीएमएचआरसी में यह क्षमता है कि वह सिर्फ भोपाल या मध्यप्रदेश का ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श अस्पताल बन सकता है। बीएमएचआरसी स्वास्थ्य संवर्धन का बहुत अच्छा उदाहरण है।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने संघमित्रा पति का स्वागत करते हुए कहा कि गैस पीड़ित व अन्य मरीजों को सर्वश्रेष्ठ उपचार कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आईसीएमआर से पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है। अस्पताल में बीते डेढ़ वर्ष में कई नई मशीनें आ गई हैं। कई नए डॉक्टरों ने जॉइन भी कर लिया है। इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि अब हम पेशंट केयर के साथ—साथ रिसर्च पर भी फोकस कर रहे हैं।

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