सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: के. शिवरामू। पूरा नाम शिवरामू केम्पैया। आज अनसुनी दास्तानें में कहानी इन्हीं की है। ये इंडियन सिनेमा के पहले एक्टर हैं जो IAS थे। जी हां, इनका नाम इतिहास में दर्ज है क्योंकि ये कन्नड़ भाषा में UPSC क्रैक करने वाले पहले व्यक्ति थे।
आमतौर पर लोग फिल्मों में आने के लिए पढ़ाई-लिखाई छोड़ देते हैं, लेकिन शिवरामू बचपन से पढ़ाई-लिखाई में बेहद होशियार थे। उनका सपना IAS बनने का था जो उन्होंने पूरा भी किया।
इसके बाद जब ब्यूरोक्रेसी से मन भर गया तो उन्होंने एक्टिंग की तरफ रुख किया, लेकिन इस पर भी विवाद हो गया तो फिल्मों में काम करना ही बंद कर दिया।
2013 में बेंगलुरु के रीजनल कमिश्नर पद से रिटायर हुए तो राजनीति में गए और लंबी पारी खेली।
चलिए नजर डालते हैं IAS से हीरो बने शिवरामू की दिलचस्प कहानी पर …
बचपन से बनना चाहते थे IAS
6 अप्रैल, 1953, जगह उरगल्ली, कर्नाटक। जाने-माने ड्रामा मास्टर एस. केम्पैया के घर एक बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम शिवरामू केम्पैया रखा गया। लोग इन्हें प्यार शिवराम बुलाते थे। बाद में इन्हें के. शिवरामू भी बुलाया जाने लगा।
शिवरामू बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे और फिल्मों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। पिता लोगों को ड्रामा सिखाते थे, लेकिन शिवरामू का मन सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में लगा रहता था। वो बचपन से ही क्लियर थे कि उन्हें जीवन में क्या करना है।
स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने पिताजी को बता दिया था कि वे आगे चलकर IAS बनना चाहते हैं। घरवाले शिवरामू की लगन और मेहनत से काफी खुश थे, इसलिए उन्हें प्यार और दुलार के साथ-साथ उनका पूरा सपोर्ट भी मिलता था।
शिवरामू की पढ़ाई-लिखाई अच्छे से हो इसके लिए परिवार वालों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और शुरुआती पढ़ाई गांव में करवाने के बाद शिवरामू को उनके पिता ने बेंगलुरु भेज दिया, जहां उन्होंने मल्लेश्वरम गवर्नमेंट स्कूल से हाई स्कूल की पढ़ाई की।
दिन में नौकरी करते और शाम को कॉलेज जाते थे शिवरामू
1972 में हाई स्कूल पास करने के तुरंत बाद शिवरामू ने इंग्लिश और कन्नड़ टाइपिंग सीखी और गवर्नमेंट जॉब में सिलेक्ट हो गए। सरकारी नौकरी लग जाने के बाद भी शिवरामू चैन से नहीं बैठे और मई 1973 में उन्होंने पुलिस रिपोर्टर के तौर पर क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ज्वाइन कर लिया।
नौकरी लग जाने के बावजूद शिवरामू ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। जॉब में रहते हुए उन्होंने वी.वी पुरम ईवनिंग कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से BA की डिग्री ली। वो सुबह नौकरी करते और शाम को क्लास अटेंड करते थे।
1982 के आसपास उन्होंने मैसूर की ओपन यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में MA भी दिन में नौकरी और शाम को पढ़ाई करते हुए किया। साथ में वो सिविल सर्विसेज की तैयारी भी करते रहे। शिवरामू की मेहनत तब रंग लाई जब 1985 में उन्होंने कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एग्जाम क्लियर कर लिया। एग्जाम क्लियर करने के बाद वे डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस बन गए।