सराजेवो । हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन की बोस्निया को यूरोपीय संघ में शामिल नहीं करने की अपील पर बोस्नियाई राजनेताओं और धार्मिक नेताओं ने आपत्ति जताई है। बुडापेस्ट में दक्षिणपंथी नेता ऑर्बन ने कहा कि बोस्निया की बड़ी मुस्लिम आबादी के कारण उसे एकीकृत रूप में यूरोपीय संघ में शामिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
ऑर्बन ने कहा कि हंगरी बोस्निया के यूरोपीय संघ में शामिल होने की कोशिशों को समर्थन देता है, लेकिन ‘हम उस राज्य की सुरक्षा कैसे करेंगे जहां 20 लाख मुसलमान रहते हैं, यह उनकी सुरक्षा का भी मुख्य मुद्दा है। हंगरी के पीएम के बयान के बाद उनकी निंदा की जा रही है।
उनके इस बयान के बाद कई बोस्नियाई पार्टियों ने उनके आगामी दौरे पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ऑर्बन बोस्निया और हर्ज़ेगोविना की राजधानी सारायेवो का आधिकारिक दौरा करने वाले हैं। इस्लामी समुदाय के प्रमुख ग्रैंड मुफ़्ती हुसैन कावाज़ोविच ने ऑर्बन के बयान को ‘नस्लवादी’ बताया है। उन्होंने कहा है अगर इस तरह की विचारधाराएं एकीकृत यूरोप की नीतियां बन जाती हैं, तो हम उस समय में वापस पहुंच जाएंगे जब यूरोपीय एकता इसी फासीवादी नाज़ी आधार पर थी, जब ये हिंसक और नरसंहार की विचारधाराएं होलोकॉस्ट और दूसरे भयानक अपराध कर रहे थे।
बोस्निया और हर्ज़ेगोविना की त्रिपक्षीय अध्यक्षता के बोस्नियाई सदस्य सेफ़िक ज़फ़रोविच ने, जो कि एक तरह से देश के राष्ट्रपति भी हैं, उन्होंने ऑर्बन के बयान को ‘शर्मनाक और असभ्य’ बताया है। उन्होंने कहा ऑर्बन खुलकर और लगातार इस्लाम विरोधी विचारों का समर्थन करते हैं। वह यूरोप में मुसलमानों और बोस्नियाई लोगों की मौजूदगी को एक दिक्क़त की तरह देखते हैं। उन्होंने कहा 20 लाख (बोस्नियाई) मुसलमानों को एकीकृत रखना यूरोपीय संघ के लिए चुनौती नहीं है, क्योंकि हम यूरोप के मूल निवासी हैं, जो हमेशा से यहां रह रहे हैं।
ज़फ़रोविच ने 90 के दशक में हुए क्रूर बोस्नियाई युद्ध की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय सर्बियाई नेताओं के नियंत्रण में बोस्नियाई लोगों ने ‘सभ्यता के सार्वभौमिक मूल्यों’ को लेकर अपनी ईमानदारी दिखाई थी और ‘उन्होंने किसी भी आपराधिक आचरण का सहारा नहीं लिया जैसा कि उस समय सर्बियाई कर रहे थे। उन्होंने कहा बोस्नियाई नेताओं का मानना है कि उनकी समस्या मुसलमान नहीं, बल्कि ऑर्बन जैसे लोग यूरोपीय संघ के लिए अपनी ‘कट्टरपंथी नस्लभेदी नीतियों के कारण असली चुनौती बने हुए हैं। ज़फ़रोविच ने कहा अगर यूरोपीय संघ ऑर्बन जैसे लोगों को बर्दाश्त करता है, तो वह उसके मानवाधिकारों पर आधारित विविध भविष्य को ख़तरे में डाल देगा।
बोस्नियाई राष्ट्रपति ने कहा हम यूरोपीय संघ में विश्वास रखते हैं और यूरोपीय संघ में जाना चाहते हैं लेकिन ऐसे यूरोपीय संघ में नहीं जाना चाहते हैं, जहां ऐसे अपमानजनक संदेश हों, जिसकी ऑर्बन और उनका समूह वकालत करते हैं। हंगरी के दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन प्रवासियों, शरणार्थियों और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी प्रवासन विरोधी नीतियों के लिए भी जाने जाते हैं और उनका दावा है कि यूरोप के ईसाई मूल्यों के लिए मुस्लिम प्रवासी सबसे बड़ा ख़तरा हैं। बोस्निया का यूरोपीय संघ में शामिल करने का विरोध करने वाले ऑर्बन अपने पड़ोसी ईसाई बहुल देश सर्बिया और क्रोएशिया को यूरोपीय संघ में तुरंत शामिल करने के समर्थक हैं। हालांकि, सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्ज़ेंडर वुचिच अपनी कट्टर नीतियों के लिए जाने जाते हैं।