वॉशिंगटन  ।  शोधकर्ताओं ने पाया कि न्यू गिनी में मानव 18000 साल पहले तक कैसवैरी चूजों को पाल रहे थे और वयस्क होने के बाद उन्हें अच्छी तरह पाला जा रहा था। इससे पता चलता है कि मुर्गियां इंसानों का सबसे पुराना पालतू पक्षी नहीं है। कैसवैरी एक विशालकाय पक्षी होता है जो उड़ नहीं सकता।

ये पक्षी मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया, अरु द्वीप और न्यू गिनी में पाए जाते हैं। कैसवैरी पक्षी की तीन प्रजातियां दुनिया के 10 सबसे बड़े पक्षियों में शामिल हैं। शोधकर्ता क्रिस्टीना डगलस ने बताया कि कैसवैरी कितना खतरनाक हो सकता है और प्राचीन मानव ने इसे किस तरह पाला होगा। उन्होंने बताया कि यह एक विशाल पक्षी है जो उड़ नहीं सकता लेकिन किसी इंसान की जान ले सकता है। इसकी सबसे छोटी प्रजाति का वजन 20 किग्रा होता है। आज भी इनके चूजों का व्यापार व्यापक स्तर पर किया जाता है।

खास बात यह कि अगर चूजा सबसे पहले किसी इंसान को देख ले तो वह उसे अपनी मां समझकर उसका पीछा करता है। शोधकर्ताओं ने 18,000 से 6,000 साल पहले के अंडों के छिलकों का अध्ययन किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके अंदर का भ्रूण कितने साल का था जब उन्हें तोड़ा गया था। डगलस ने कहा कि जीवाश्मों से पता चलता है कि इंसानों ने उन्हें जन्म से समय इकट्ठा किया और उनका पालन-पोषण किया। संभवतः पक्षियों के मांस या पंखों का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें पाला जाता था। रिसर्चर ने कहा कि इंसानों का यह व्यवहार मुर्गियों को पालने से हजारों साल पहले का है। बताय जा रहा है ‎कि पाषाण युग करीब 26 लाख साल पहले शुरू हुआ था। इस काल के दौरान मानव ने पत्थर के औजार का इस्तेमाल करना शुरू किया था।

यह एक लंबी अवधि थी और 3330 ईसा पूर्व तक चली। इसके बाद कांस्य युग शुरू हुआ और धीरे-धीरे आधुनिक सभ्यता पटल पर आ गई। हालांकि प्राचीन मानव के बारे में हमारे पास पर्याप्त जानकारी उपलब्ध है लेकिन अभी भी उनके दैनिक जीवन की बारीकियों के बारे में सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन एक नई रिसर्च ने इस मुश्किल को आसान कर दिया है।