सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में “तकनीकी शब्दावली और भारतीय भाषाओं में शिक्षण” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भोपाल के पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षण संस्थान में शुक्रवार को किया गया।
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक गोवर्धन दास ने कहा कि भारत की पुरानी शिक्षण पद्धतियों का पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नालंदा जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाना जरूरी है।
विशिष्ट अतिथि गिरीश नाथ झा ने शिक्षा में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी भाषाओं में ज्ञान हासिल करना अधिक सरल होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. खेमसिंह डहेरिया ने बताया कि चिकित्सा और अभियांत्रिकी की शिक्षा हिंदी में प्रारंभ हो चुकी है, और इसके अनुवाद को सरल बनाने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता दिनेश चंद्र चमोला ने “हिंदी विज्ञान लेखन में तकनीकी शब्दावली के अनुप्रयोग” पर अपने विचार साझा किए, जिसमें उन्होंने भाषा की प्रयोगधर्मिता पर बल दिया।
इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिकारी, प्राध्यापक, छात्रों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया, जो संगोष्ठी की विषयवस्तु पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए थे।