सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य संघर्ष की गंभीर पृष्ठभूमि में, एम्स भोपाल ने नागरिकों को आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। यह बैठक कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुई, जिसमें सभी विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों, अनुभाग प्रभारियों एवं संबंधित अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता रही। राष्ट्रीय सेवा में अग्रणी संस्थान के रूप में एम्स भोपाल ने तत्काल प्रभाव से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में संस्थान की तैयारी पूरी तरह से सुनिश्चित की जा सके।
प्रो. सिंह द्वारा जारी तत्काल कार्यालय आदेश के तहत संस्थान के सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस आदेश के अंतर्गत विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में कार्यरत और गैर-कार्यरत वेंटिलेटर्स, आईसीयू एवं ऑपरेशन थियेटर की कार्यशीलता का पुनर्मूल्यांकन किया गया है। साथ ही, रक्त की आवश्यकता को देखते हुए विभिन्न रक्त समूहों के ब्लड बैग्स की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है तथा रक्तदान शिविरों की योजना भी बनाई गई है। ट्रॉमा, सर्जरी, एनेस्थीसिया, फार्मेसी सहित सभी विभागों से आपातकालीन दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की जानकारी एकत्र कर उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। नर्सिंग कॉलेज द्वारा प्रशिक्षित बीएससी/एचएसएम ड्यूटी स्टाफ की तत्परता भी सुनिश्चित की गई है।
इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा एवं डाटा रिकवरी की दृष्टि से संस्थान ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (CDAC) के साथ समन्वय स्थापित किया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी संभावित साइबर हमले की स्थिति में एम्स भोपाल का डाटा सुरक्षित रहे और स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी बाधा के जारी रह सकें। इन तैयारियों के साथ-साथ संस्थान ने सभी संकाय सदस्यों, अधिकारियों, रेजिडेंट डॉक्टरों एवं कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी हैं, जबकि पूर्व में स्वीकृत या अवकाश पर चल रहे कर्मचारियों को भी अविलंब कार्य पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं। प्रो. सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल देश की सेवा में सदैव अग्रसर रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में हमारा पहला कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को समय पर एवं सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो। यह केवल एक संस्थान की नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक जिम्मेदारी है, और एम्स भोपाल इसके   लिए पूर्णतः तैयार है।”

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