सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल   : वित्त वर्ष 2024-25 भारत के बंदरगाह क्षेत्र के लिए उपलब्धिपूर्ण वर्ष रहा है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रमुख बंदरगाहों ने इस वर्ष 855 मिलियन टन कार्गो हैंडलिंग की, जो पिछले वर्ष के 819 मिलियन टन की तुलना में 4.3 फीसदी अधिक है। यह वृद्धि भारत की बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों और बंदरगाहों की परिचालन दक्षता को दर्शाती है।

मंत्रालय के अनुसार, यह वृद्धि कंटेनर थ्रूपुट (10%), उर्वरक कार्गो (13%), पीओएल (3%) और विविध वस्तुओं (31%) के बेहतर हैंडलिंग के कारण संभव हुई है। वर्ष 2024-25 में पीओएल (पेट्रोलियम, तेल, स्नेहक) कार्गो 254.5 मिलियन टन के साथ अग्रणी रहा, इसके बाद कंटेनर (193.5 मिलियन टन) और कोयला (186.6 मिलियन टन) का स्थान रहा।

उत्पादकता संकेतकों में भी महत्वपूर्ण सुधार दर्ज हुआ। प्रति जहाज बर्थ दिवस उत्पादन 18,304 टन तक पहुंचा, औसत टर्नअराउंड समय घटकर 49.5 घंटे हो गया और प्री-बर्थिंग डिटेंशन भी कम होकर 3.8 घंटे पर आ गया। निष्क्रिय समय में भी 29% की गिरावट आई है।

बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण को गति देने हेतु 962 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है, जिसकी निवेश क्षमता ₹68,780 करोड़ आंकी गई है। मंत्रालय की यह प्रगति भारत की वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की रणनीति को मजबूती देती है।

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