सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अब NRI (नॉन-रेजिडेंट इंडियंस) भारत के बड़े शहरों की बजाय टियर-2 और टियर-3 शहरों में लग्जरी घरों में निवेश कर रहे हैं। मोहाली, लखनऊ, कोयंबटूर और इंदौर जैसे छोटे शहर अब आर्थिक और जीवनशैली के केंद्र बनते जा रहे हैं। बेहतर हवाई कनेक्टिविटी, सामाजिक बुनियादी ढांचे में सुधार और आधुनिक जीवनशैली ने इन शहरों को भारतीय डायस्पोरा के लिए आकर्षक बनाया है।
होमलैंड ग्रुप के सीईओ उमंग जिंदल के अनुसार, “NRI अब मेट्रो तक सीमित नहीं हैं, वे बेहतर डिजाइन और संतुलित जीवनशैली वाले बड़े घरों की मांग कर रहे हैं। उन्हें वैश्विक स्तर की प्राइवेसी, कम्युनिटी और वेलनेस की जरूरत है।” सुष्मा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल बताते हैं कि NRI अब खुली योजना, उन्नत सुरक्षा और इको-फ्रेंडली डिजाइन वाले घरों को तरजीह दे रहे हैं, जो छोटे शहर बेहतर प्रदान कर रहे हैं।
कोरोना महामारी ने भी घरों के प्रति प्राथमिकताएं बदल दी हैं। NRI अब शांति, स्वास्थ्य और खुले स्पेस वाले घरों को महत्व देते हैं। रॉयल एस्टेट ग्रुप के पियूष कंसल कहते हैं कि छोटे शहरों में भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ व्यावहारिक फायदे भी हैं।
ओसवाल ग्रुप के चेयरमैन आदिश ओसवाल के अनुसार, यह प्रवृत्ति स्थायी है और छोटे शहर अब वैश्विक निवेश के नक्शे पर मजबूती से खड़े हैं। NRI के लिए ये शहर “स्टाइल में घर लौटने” का नया मतलब बन गए हैं।
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