सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) के सभागार में “रचनात्मक लेखन का विवेक एवं लेखन की दृष्टि – कविता संग्रह ‘और इन सब के बीच’ के संदर्भ में” एक विशेष हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन साहित्य, चिंतन और रचनात्मक संवाद के लिए एक सशक्त मंच बना, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों ने विचार रखे।
कविता संग्रह ‘और इन सब के बीच’ की रचनाकार निदेशक नेहल शाह के माध्यम से समकालीन लेखन की प्रकृति, दृष्टिकोण और उत्तरदायित्व पर चर्चा की गई। वरिष्ठ कवि राजेश जोशी ने कहा कि “कविता जब अपने समय से मुठभेड़ करती है तभी उसका सृजन सार्थक होता है।” युवा आलोचक निदेशक अरुणाभ सौरभ ने लेखन की दृष्टि को संवेदनात्मक गहराई से जोड़ा।
वरिष्ठ पत्रकार निदेशक रामप्रकाश त्रिपाठी ने संग्रह की कविताओं को निजी अनुभव से सार्वभौमिकता की ओर बढ़ता हुआ बताया। वहीं युवा संपादक अंशु कुमार चौधरी ने इसे समकालीन विमर्श का दस्तावेज बताया।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने चिकित्सक के दृष्टिकोण से लेखन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि जैसे चिकित्सा शरीर को ठीक करती है, वैसे ही लेखन आत्मा को। संगोष्ठी ने रचनात्मक लेखन की सामाजिक भूमिका और संवेदना को मजबूती से रेखांकित किया।