सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कंपनी वेलनेस की दिशा में नया नजरिया: कर्मचारी थकान के समाधान की ओर

आज के दौर में, जब कार्य और निजी जीवन की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं और तनाव के स्तर कर्मचारी भलाई को फिर से परिभाषित कर रहे हैं, ऐसे समय में CGH अर्थ वेलनेस सेंटर कार्यबल को पुनः ऊर्जावान बनाने के लिए समग्र समाधान प्रदान कर रहे हैं।

‘वेलनेस रीबूट कॉर्पोरेट सब्बैटिकल’ कार्यक्रम विशेष रूप से कर्मचारी थकान (बर्नआउट) की समस्या से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

IMARC स्टडीज़ के अनुसार, भारत का कॉर्पोरेट वेलनेस मार्केट 2024 में 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2033 तक 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जो 5.1% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। इस वृद्धि को देखते हुए, कई संगठन उत्पादकता बढ़ाने और कर्मचारियों की संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए समग्र वेलनेस पहलों में निवेश कर रहे हैं।

आज की कॉर्पोरेट दुनिया इस सच्चाई को तेजी से स्वीकार कर रही है कि कर्मचारियों की भलाई सीधे कंपनी की उत्पादकता से जुड़ी है। कई अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि स्वस्थ कर्मचारी न केवल अधिक उत्पादक होते हैं, बल्कि उनकी अनुपस्थिति दर भी कम होती है और वे अपनी नौकरी से अधिक संतुष्ट रहते हैं। इसी कारण, अधिकतर कंपनियां अब पारंपरिक उपायों से आगे बढ़ते हुए व्यापक वेलनेस कार्यक्रमों में निवेश कर रही हैं।

कई कंपनियां केवल जिम सदस्यता या हेल्दी फूड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि काउंसलिंग, वेलनेस कोच, स्लीप हाइजीन, फाइनेंशियल वेलबीइंग जैसे विषयों पर शैक्षणिक मंच भी प्रदान करती हैं। भारत के वेलनेस मार्केट को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक मिलेनियल्स और जेन-ज़ी हैं, जो स्वास्थ्य और भलाई को प्राथमिकता देते हैं। महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य, पोषण और फिटनेस जैसे क्षेत्रों में अग्रणी है।

यह एक लक्षित वेलनेस दृष्टिकोण की माँग करता है, जिससे कंपनियों को यह समझने में मदद मिल रही है कि कर्मचारियों का स्वास्थ्य और मनोबल, टैलेंट अट्रैक्शन और रिटेंशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

CGH Earth Wellness Centres की भूमिका

CGH अर्थ वेलनेस सेंटर्स आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा (नैचुरोपैथी) पर आधारित संपूर्ण उपचार पद्धतियों के क्षेत्र में अग्रणी हैं, जिनका उद्देश्य शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और तनाव प्रबंधन के लिए विविध टूल्स प्रदान करना है। यह कार्यक्रम विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है जिसमें सही आहार, योग, ध्यान, आध्यात्मिक साधनाओं और लक्षित उपचारों के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का शुद्धिकरण, सुधार और नवजीवन सुनिश्चित किया जाता है।

कॉर्पोरेट वेलनेस पर विशेषज्ञों की राय

डॉ. सिजिथ श्रीधर, प्रकृति शक्ति – क्लिनिक ऑफ नैचुरल मेडिसिन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कार्यस्थल में बढ़ती क्रॉनिक बीमारियों की चिंता जताते हैं:

“डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज़ और मोटापा जैसी बीमारियाँ तेजी से कॉर्पोरेट क्षेत्र में फैल रही हैं, जो अधिकतर जीवनशैली से जुड़ी हैं। इन्हें रोकने के लिए रोकथाम आधारित वेलनेस कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं।”

डॉ. सिजिथ नैचुरोपैथी के लाभों को रेखांकित करते हैं:

“नैचुरोपैथी एक समग्र दृष्टिकोण से तनाव को प्रबंधित करने, शरीर को डिटॉक्स करने और संतुलन को पुनर्स्थापित करने में सहायता करता है। इससे ऊर्जा स्तर बढ़ता है और कर्मचारी बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।”

डॉ. हरीश जौहर, CGH आयुर्वेद सेंटर्स – कलारी कोविलाकम और कलारी रसायना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आयुर्वेद की विशिष्टता को रेखांकित करते हुए कहते हैं:

“आयुर्वेदिक वेलनेस कार्यक्रम प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के प्रकार (दोष) के अनुसार तैयार किए जाते हैं। अभ्यंग और शिरोधारा जैसी तकनीकें तनाव कम करने, एकाग्रता बढ़ाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक हैं।”

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