सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: होली के पारम्परिक गीत-संगीत और नृत्य के वासंती रंग 28 मार्च की शाम 7 बजे रवीन्द्र भवन के मुक्ताकाश में बिखरेंगे। टैगोर विश्वी कला एवं संस्कृति केन्द्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वीविद्यालय द्वारा ‘होरी हो ब्रजराज’ का रंगारंग आयोजन मानविकी भाषा एवं उदार कला विभाग, विश्वरंग सचिवालय तथा पुरू कथक अकादमी के सहयोग से किया जा रहा है।
लोक रंगों में छलकती फागुनी छवियों की यह दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति ‘होरी हो ब्रजराज’ प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना क्षमा मालवीय के निर्देशन में मंचित होगी। इस प्रदर्शन में शहर के 50 से भी ज़्यादा कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इस रूपक की मूल संकल्पना कवि-कथाकार संतोष चौबे ने की है। सूत्रधार कला समीक्षक विनय उपाध्याय होंगे।

होली की दृश्य छवियों पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी ‘बिम्ब-प्रतिबिम्ब’ भी आकर्षण का केन्द्र होगी, इसका आकल्पन छायाकार नीरज रिछारिया ने किया है। संगीत संयोजन संतोष कौशिक का है। प्रस्तुति में दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।