सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कांग्रेस पार्टी आज (22 अगस्त) को देशभर में हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर विरोध प्रदर्शन करेगी। 10 अगस्त को सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेबी चीफ माधबी बुच की अडाणी ग्रुप के पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी।

कांग्रेस पार्टी की मांग है कि सेबी चीफ माधबी बुच को उनके पद से हटाया जाए और अडाणी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से करवाई जाए।

राहुल गांधी ने 11 अगस्त को कहा था कि अडाणी महाघोटाले की जांच SEBI को दी गई। अब खबर है कि SEBI की चीफ माधवी बुच भी अडानी महाघोटाले में शामिल हैं। मतलब घोटाले की जांच करने वाला ही घोटाले में शामिल है।

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट की बड़ी बातें

अडाणी ग्रुप पर हमारी रिपोर्ट के लगभग 18 महीने हो चुके हैं। रिपोर्ट में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए थे कि अडाणी ग्रुप कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था।

हमारी रिपोर्ट ने ऑफशोर, मुख्य रूप से मॉरीशस बेस्ड शेल एंटिटीज के एक जाल को उजागर किया था। जिनका इस्तेमाल संदिग्ध अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन, अनडिस्क्लोज्ड इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मैनिपुलेशन के लिए किया गया था।

सभी सबूतों के अलावा 40 से ज्यादा इंडिपेंडेंट मीडिया इन्वेस्टिगेशन ने हमारी रिपोर्ट की पुष्टि थी। इसके बावजूद सेबी ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ कोई पब्लिक एक्शन नहीं लिया।

जुलाई 2024 में सेबी ने हमें कारण बताओ नोटिस भेजा था। जिसके जवाब में हमने लिखा था कि हमें यह अजीब लगा कि कैसे सेबी को एक रेगुलेटर होने के बावजूद फ्रॉड प्रैक्टिसेस को बचाने के लिए सेट-अप किया गया था।

सेबी ने फ्रॉड प्रैक्टिसेस से जुड़ी पार्टियों की जांच करने में बहुत कम रुचि दिखाई। यह लोग पब्लिक कंपनियों के जरिए अरबों डॉलर के अनडिस्क्लोज्ड रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शंस में लगे हुए एक सीक्रेट ऑफशोर शेल एम्पायर को चलाते थे। इसके अलावा नकली निवेश एंटिटीज के एक नेटवर्क के जरिए अपने शेयरों को बढ़ाते थे।

‘IPE प्लस फंड’ एक छोटा ऑफशोर मॉरीशस फंड है, जिसे अडाणी डायरेक्टर ने इंडिया इंफोलाइन (IIFL) के जरिए स्थापित किया है, जो वायरकार्ड स्कैंडल से जुड़ी एक वेल्थ मैनेजमेंट फर्म है।

गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने इस स्ट्रक्चर का यूज इंडियन मार्केट्स में निवेश करने के लिए किया, जिसमें अडाणी ग्रुप को पावर इक्विपमेंट्स के ओवर इनवॉइसिंग से मिला फंड शामिल था।

सेबी चीफ और उनके पति धवल बुच की अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी थी। विनोद अडाणी ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड का यूज भी स्ट्रक्चर की तरह करते थे।

डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड-1 में अपना अकाउंड ओपन किया था।

माधवी बुच ने आरोपों से इनकार किया

माधवी बुच ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार और चरित्र हनन का प्रयास बताया। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।

व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर चर्चा में आई थी।

अडाणी समूह ने कहा- हिंडनबर्ग ने जिनके नाम लिए, उनसे कारोबारी रिश्ते नहीं

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडाणी समूह ने कहा था, SEBI प्रमुख से ग्रुप के कारोबारी रिश्ते नहीं हैं। SEBI प्रमुख के साथ जिन लोगों के नाम लिए गए हैं, उनसे भी समूह का लेनदेन नहीं है। विदेशी होल्डिंग पर उठाए गए सवाल बेबुनियाद हैं। समूह की विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह पारदर्शी है। इसका इस्तेमाल धन के हेरफेर के लिए नहीं किया गया।

ग्रुप ने कहा- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल किया। अडाणी ग्रुप पर लगाए आरोप पहले ही निराधार साबित हो चुके हैं। गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया था।

अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग, शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए थे

जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने गौतन अडाणी ​​​​​​पर अपने ग्रुप के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए ऑफशोर फंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। अडाणी ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। SEBI को मामले की जांच सौंपी गई थी।

1 जुलाई 2024 को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल हैं। इसका जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने SEBI पर ही कई तरह के आरोप लगाए थे।