सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हरियाणा में विधानसभा के लिए आज भाजपा की पहली लिस्ट आ सकती है। इसके लिए गुरुवार रात दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में टिकटों पर चर्चा हुई। 55 उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर दिए हैं।

इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएम नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ अलग से बैठक की। यह बैठक करीब 20-25 मिनट तक चली है। बैठक में सर्वे रिपोर्ट पर भी विचार हुआ।

सूत्रों के अनुसार 4 मंत्रियों और 20 से अधिक विधायकों की टिकट कट सकती है। हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कुछ उम्मीदवारों को भी टिकट मिल सकती है।

इससे पहले सुबह 8 बजे चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के घर बैठक हुई। इसके बाद सुबह 11 से शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के आवास पर हरियाणा कोर कमेटी का मंथन चला।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि 90 विधानसभा सीटों में से 55 सीटों पर गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से ठीक पहले हुई बैठकों में एक-एक नाम तय कर लिए गए थे। जबकि शेष सीटों पर दो-दो नाम तय किए गए थे। अब शेष सीटों पर आज मंथन हो सकता है।

परिवार के सदस्यों को भी चुनाव लड़ने दिया जाएगा। फिलहाल किसी मौजूदा सांसद या केंद्रीय मंत्री को टिकट नहीं दिया जाएगा। वर्ष 2019 में चुनाव हारे कुछ मंत्रियों को भी टिकट दी जाएगी।

नायब सैनी का लाडवा से लड़ना तय, बादशाहपुर से नरबीर सिंह विकल्प

सीएम नायब सिंह सैनी का लाडवा से चुनाव लड़ना लगभग तय है। राज्यसभा सांसद कृष्णलाल पंवार और सुनीता दुग्गल को भी मैदान में उतारा जा सकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव की अटेली से टिकट तय बताई जा रही है। बादशाहपुर से राव नरबीर विकल्प हैं। कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी के नाम पर भी चर्चा हुई है।

नए चेहरे उतार सकती है पार्टी, हारे व पूर्व मंत्रियों को भी मिलेगा मौका

सूत्रों का कहना है कि तीन मंत्रियों के अलावा दर्जनभर विधायकों के टिकटों पर तलवार लटकी हुई है। इनमें पूर्व मंत्री ओपी यादव, संदीप सिंह व कमलेश ढांडा, मंत्री सीमा त्रिखा, कमल गुप्ता, रणजीत सिंह और असीम गोयल की टिकट पर तलवार है। भाजपा कई सीटों पर नए चेहरों को उतार सकती है। पिछले चुनाव में हारे और कुछ पूर्व मंत्रियों को भी मौका मिल सकता है।