सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को विदेशी छात्रों के दाखिले पर लगे प्रतिबंध में 30 दिनों की अंतरिम राहत मिली है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हार्वर्ड की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता खत्म करने के फैसला लिया था, जिस पर फिलहाल फेडरल कोर्ट ने रोक लगा दी है।

इस मसले पर गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी फिलहाल छात्रों का नामांकन जारी रख सकती है।

हार्वर्ड ने कहा था कि अगर उसे विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति नहीं दी जाती, तो इससे यूनिवर्सिटी के करीब 25% छात्रों पर असर पड़ेगा।

यूनिवर्सिटी के वकीलों ने अदालत में कहा कि यह फैसला अचानक और बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के लिया गया, जबकि नियमों के मुताबिक विभाग को कारण बताना और 30 दिन का समय देना जरूरी होता है।

क्या है मामला?

ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड पर यह आरोप लगाया कि वह कैंपस में यहूदी विरोध को बढ़ावा दे रहा है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहा है।

साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि यूनिवर्सिटी ने छात्रों की विचारधारा को उकसाने वाला माहौल बनाया है।

ट्रम्प ने बुधवार को ओवल ऑफिस में कहा,

हार्वर्ड को अनुशासन में रहना होगा। उन्हें विदेशी छात्रों की संख्या 15% तक सीमित रखनी चाहिए।

हार्वर्ड ने क्या कहा?

हार्वर्ड के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि यह ट्रम्प प्रशासन का यह फैसला बदले की कार्रवाई से भरा है, जो यूनिवर्सिटी की अकादमिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला करता है।

वकीलों ने कहा कि यह फैसला संघीय नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि विभाग ने बिना कोई ठोस कारण बताए अचानक सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया।

यूनिवर्सिटी को मिलने वाले फंड पर भी खतरा

यह अकेला मामला नहीं है जिसमें हार्वर्ड ट्रम्प प्रशासन से भिड़ी है। यूनिवर्सिटी पहले से ही एक अन्य मुकदमे में भी उलझी है, जिसमें प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के 3 अरब डॉलर के फेडरल रिसर्च फंड को बंद करने का फैसला लिया है।

यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह सभी कार्रवाइयां राजनीतिक बदले से प्रेरित हैं।

हार्वर्ड में 27% बाहरी छात्र, भारत के 788 छात्र

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लगभग 27% बाहरी छात्र हैं। वहां अभी लगभग 6,800 विदेशी स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इनमें भारत के 788 छात्र हैं।

ज्यादातर स्टूडेंट्स F-1 या J-1 वीजा पर हैं। F-1 वीजा अमेरिकी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के लिए है, जबकि J-1 वीजा स्कॉलर्स, रिसर्चर्स सहित एक्सचेंज विजिटर्स के लिए है।

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