सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : 1988 बैच के IAS अधिकारी और मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नियुक्त किया गया है। वे आज यह जिम्मेदारी संभालेंगे। मौजूदा CEC राजीव कुमार आज रिटायर हो रहे हैं। नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सोमवार को हुई बैठक में नियुक्ति का फैसला किया गया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। इसी पैनल की सिफारिश पर नए CEC की नियुक्ति हुई।

बैठक में विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। वे हरियाणा के मुख्य सचिव और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वहीं, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए CEC के लिए 5 नामों की सूची दी गई थी, लेकिन राहुल ने नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

बैठक के बाद राहुल गांधी ने डिसेंट नोट जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी।

वहीं, कांग्रेस ने कहा था- हम अहंकार में काम नहीं कर सकते। बैठक स्थगित करनी थी, ताकि सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला कर सके।

राहुल ने लिखा- आधी रात को नियुक्ति का फैसला असम्मानजक

राहुल गांधी ने X पर लिखा- अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर बैठक थी। इसमें मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को डिसेंट (असहमति) नोट दिया था। इसमें लिखा था- मूलभूत बात यह है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होता।

लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि बाबा साहेब अंबेडकर और देश का निर्माण करने वाले नेताओं के आदर्श कायम रहें। आधी रात में पीएम और गृह मंत्री का CEC की नियुक्ति का फैसला असम्मानजनक है। CEC की नियुक्ति का फैसला तब लिया गया, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर 48 घंटे के अंदर सुनवाई होनी है।

सिंघवी ने कहा- सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक इंतजार करे कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि CEC चयन समिति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। CEC के चयन के लिए गठित समिति से CJI को हटाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं, बल्कि नियंत्रण चाहती है।

सिंघवी ने कहा कि CEC और अन्य EC की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेडिंग है। इस मामले में 19 फरवरी को सुनवाई है। यह सिर्फ 48 घंटे का मामला था। सरकार को याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।

EC की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई सुप्रीम कोर्ट CEC और EC की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होनी थी, लेकिन केस लिस्ट नहीं हुआ था। तब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच के सामने मामला उठाया।

प्रशांत ने कहा था कि CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार नए CEC की नियुक्ति कर सकती है, इसलिए कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इस पर कोर्ट ने 19 फरवरी की तारीख देते हुए कहा था कि इस बीच कुछ होता है तो वह अदालत के फैसले के अधीन होगा, इसलिए चिंता की बात नहीं है।

मामला मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है।

अब जानिए क्या है पूरा मामला…

2 मार्च 2023: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- सिलेक्शन पैनल में CJI को शामिल करना जरूरी CEC और EC की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और CJI शामिल होंगे। इससे पहले सिर्फ केंद्र सरकार इनका चयन करती थी।

यह कमेटी CEC और EC के नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करेगी। इसके बाद राष्ट्रपति मुहर लगाएंगे। तब जाकर उनकी नियुक्ति हो पाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रोसेस तब तक लागू रहेगी, जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती।

21 दिसंबर 2023: चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा नया बिल पास केंद्र सरकार CEC और EC की नियुक्ति, सेवा, शर्तें और कार्यकाल से जुड़ा नया बिल लेकर आई। इसके तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यों का पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। CJI को इस पैनल से बाहर रखा गया। 21 दिसंबर, 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान यह बिल दोनों सदनों में पास हो गया।

नए कानून पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई थी इस कानून पर विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश के खिलाफ बिल लाकर उसे कमजोर कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में कहा गया कि कानून की धारा 7 और 8 स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत का उल्लंघन करती है क्योंकि इससे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए इंडिपेंडेंट मैकेनिज्म नहीं मिलता है। इस विवाद के बीच केंद्र ने मार्च, 2024 में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त किया था।

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