सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: गुरमीत राम रहीम पर आरोप है कि उन्होंने अपने अनुयायियों को ‘ईश्वर से मिलाने’ और ‘मोक्ष प्राप्ति’ के नाम पर नपुंसक बनाने के लिए प्रेरित किया। यह मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ीं।
न्यायालय का रुख
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल की। पहले इस मामले पर रोक लगी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने ट्रायल शुरू करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
गुरमीत राम रहीम का वर्तमान हाल
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इस समय हरियाणा की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहे हैं। उन्हें 2017 में दो साध्वियों के साथ बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इसके अतिरिक्त, पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में भी उन्हें दोषी पाया गया है।
इस ट्रायल का प्रभाव
यह ट्रायल केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह धार्मिक संस्थानों में हो रहे कदाचार और दुरुपयोग के मामलों को भी उजागर करता है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गुरमीत राम रहीम इस मामले में दोषी ठहराए जाते हैं, तो उनकी सजा में बढ़ोतरी हो सकती है।
समाज पर असर
इस केस का प्रभाव उनके अनुयायियों पर भी गहरा पड़ सकता है। डेरा सच्चा सौदा का संचालन पहले ही विवादों के घेरे में है। यह मामला धार्मिक संस्थानों की पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है।
ITDC News का निष्कर्ष
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। ITDC News आपको इस केस से जुड़े हर अपडेट से अवगत कराता रहेगा।