सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज हम बात करेंगे “पर्यावरण म्हणजे काय” के बारे में। पर्यावरण संतुलन का मतलब है प्रकृति में मौजूद सभी जीवों और उनके पर्यावरण के बीच एक स्थिर सामंजस्य बनाए रखना।
पर्यावरण संतुलन में पेड़-पौधे अहम भूमिका निभाते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के ज़रिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को कम करते हैं। जंगल हमारे लिए स्वच्छ जल, स्वच्छ हवा और स्वस्थ मृदा प्रदान करते हैं। जब वनों की कटाई होती है, तब पर्यावरण में असंतुलन पैदा होता है।
पर्यावरण की परिभाषा के अनुसार, यह हमारे चारों ओर के सभी भौतिक, रासायनिक और जैविक घटकों का समूह है, जो हमारे जीवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। जब हम माँ प्रकृति के साथ सहजीवन में रहते हैं, तभी पर्यावरण का सही संतुलन बना रहता है।
मानव गतिविधियों जैसे पेड़ों की कटाई, प्रदूषण, रासायनिक किटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग, और ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण का नैसर्गिक संतुलन बिगड़ रहा है। ओजोन परत, जो सूर्य की खतरनाक किरणों से हमें बचाती है, भी कमजोर हो रही है।
ग्रीन डोनर का संदेश स्पष्ट है—हमें पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। हमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन जैसी खतरनाक गैसों का उपयोग कम करना चाहिए और सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। पेड़-पौधे लगाने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए।
हर दिन हरियाली, हर दिन हरित प्रेरणा। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम माँ प्रकृति की रक्षा करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस धरती पर सुखी जीवन जी सकें।
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