सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सोलर एनर्जी से जनरेट होने वाली बिजली के उपयोग को लेकर राज्य सरकार अब ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें इसके प्लांट लगाने के लिए आगे लाएगी। इसके लिए ग्रामीण पथ रोशन योजना के नाम पर नई योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए बेंगलुरु की उद्यम लर्निंग फाउंडेशन से युवाओं को शुरुआती दौर पर ट्रेनिंग दिलाकर शाजापुर जिले में प्रयोग के तौर पर काम भी शुरू कर दिया गया है। खास बात यह है कि योजना को संचालित करने का काम स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य ओपन बोर्ड कर रहा है।

कौशल विकास को रोजगार से जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश राज्य ओपन शिक्षा बोर्ड ने ग्रामीण पथ रोशन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से 18 से 45 वर्ष आयु समूह के कक्षा 10वीं तक के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना का प्रशिक्षण नि:शुल्क दिलाया गया है। शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र के हर गांव में एक-एक युवा को उनके घरों की छत पर 10 किलोवॉट क्षमता का रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण दिलाया गया है। इस प्लांट से उत्पादित बिजली को ऑनग्रिड नेट सोलर मीटर के माध्यम से पॉवर ग्रिड में जमा कराया जाता है। जमा की गई बिजली से रात्रि के समय एलईडी स्ट्रीट लाइट संचालित की जाती है।

टपका बसंतपुर गांव रोशन होता है ऐसी बिजली से

इस योजना के अंतर्गत शाजापुर जिले के टपका बसंतपुर गांव में एक ऐसा 10 किलोवॉट का ऑनग्रिड सोलर सिस्टम लगाया गया है जो प्रतिदिन 40 से 50 यूनिट बिजली उत्पादित करता है। यह ग्रिड के माध्यम से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को बिजली भेजता है। टपका बसंतपुर गांव में 20 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई गई है जो रात के समय सोलर एनर्जी एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भेजी गई बिजली से संचालित होती है।

उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने दी है ट्रेनिंग

ग्रामीण पथ रोशन योजना में चयनित युवाओं को बैंगलुरू के उद्यम लर्निंग फाउंडेशन से प्रशिक्षण दिलाया गया है। योजना के लिये राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रथम किश्त के रूप में एक करोड़ रुपये लोक शिक्षण संचालनालय को दिए हैं। अब स्कूल शिक्षा विभाग इसे विस्तारित करने की योजना बना रहा है।