सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /  आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों में 20% तक हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। यह कदम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के उस नियम को पूरा करने की दिशा में है, जिसके तहत कंपनियों के पास न्यूनतम 25% सार्वजनिक शेयरधारिता होनी चाहिए। इस खबर के बाद मंगलवार, 17 जून को संबंधित बैंकों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली।

किन बैंकों में हो रही हिस्सेदारी की बिक्री?

सरकार जिन बैंकों में हिस्सेदारी घटाने की योजना पर काम कर रही है, उनमें शामिल हैं – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। इन बैंकों के शेयरों में 4% तक की बढ़त दर्ज की गई। फिलहाल इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 93% से 98.3% तक है।

क्या ये बैंक प्राइवेट हो जाएंगे?

नहीं। सरकार भले ही 20% तक हिस्सेदारी बेचेगी, लेकिन वह अब भी इन बैंकों की प्रमुख हिस्सेदार बनी रहेगी। इससे इन बैंकों की सरकारी पहचान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

निवेशकों के लिए क्या मायने?

इस हिस्सेदारी बिक्री का उद्देश्य लिक्विडिटी बढ़ाना और सार्वजनिक निवेश को आकर्षित करना है। सरकार क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट और ऑफर फॉर सेल जैसे माध्यमों से यह प्रक्रिया पूरी करेगी। इससे निवेशकों को बेहतर मौके मिल सकते हैं।

यह कदम सरकार के बड़े विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा है, जिससे वित्तीय क्षेत्र में सुधार और बैंकिंग प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में तेजी आ सकेगी।

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