भोपाल । मप्र के सरकारी कॉलेजों में दिसंबर-2019 में भर्ती हुए अस्सिटेंट प्रोफेसरों (सहायक प्राध्यापक) को सरकार ने झटका दिया है। इनके दो वर्ष की परीविक्षा अवधि पूरी करने के बाद ट्रांसफर होंगे। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्थानांतरण नीति तय की गई है। इसके तहत जो भी विभागों के परीविक्षा अवधि के अभ्यर्थी होंगे, उनके दो वर्ष के बाद ही ट्रांसफर किए जाएंगे। मंत्री यादव ने कहा कि अस्सिटेंट प्रोफेसरों को भी यह अवधि पूरी करना होगी। जिन्होंने आवेदन दिए हैं, वे परीविक्षा अवधि पूरी कर लें। विभाग की सहनाभूति उनके साथ है।

गौरतलब है कि दिसंबर-19 में अस्सिटेंट प्रोफेसरों की भर्ती हुई थी। इसके अलावा स्पोर्टस ऑफिसर और लाइब्रेरियन की भर्ती भी की गई। विभाग के अनुसार करीब 1800 अस्सिटेंट प्रोफेसर, स्पोर्टस ऑफिसर एवं लाइब्रेरियन ने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिए हैं। सभी अपने जिलों के नजदीकी कॉलेजों में पदस्थ होना चाहते हैं। इनमें 1 हजार से अधिक अस्सिटेंट प्रोफेसर हैं। इनकी परीविक्षा अवधि दो साल बाद यानी इस साल दिसंबर में खत्म होगी, लेकिन ट्रांसफर की प्रक्रिया अगले वर्ष तक ही जाएगी।