नई दिल्ली । सरकार ने थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों के लिए खाद्यान्न की खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) में संशोधन किया है, जिसके तहत पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण माफ किए गए परिवहन शुल्क को फिर से बहाल कर दिया है।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने यह जानकारी दी। ओएमएसएस नीति के तहत सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने की अनुमति देती है। नीति का उद्देश्य विशेष रूप से बेमौसम के दौरान अनाज की आपूर्ति बढ़ाना है और इस प्रकार सामान्य खुले बाजार में, विशेष रूप से घाटे वाले क्षेत्रों में कीमतों को कम करना है।
पांडेय ने एक आभासी संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि संशोधित ओएमएसएस नीति में केवल एक बदलाव किया गया है और परिवहन शुल्क को फिर से बहाल किया गया है, जो खर्च कोविड-19 के कारण पिछले साल भारत सरकार ने वहन किया गया था। सचिव ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष ओएमएसएस के तहत अनाज की बिक्री अब तक की सबसे अधिक रही है और 75 लाख टन के लक्ष्य को पार कर गई है। उन्होंने कहा कि कुल बिक्री 85 लाख टन तक पहुंच गई है।