एनआईटीटीटीआर भोपाल एवं सीपीएससी मनीला द्वारा भविष्य के कौशल और उभरती प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) के सशक्तीकरण पर केंद्रित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य व्यावसायिक शिक्षा के लिए इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और भविष्य के लिए तैयार कौशल के एकीकरण पर केन्द्रित था, जिसमें कई देशों से प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. राजेश खंबायत ने ग्लोबल वर्कफोर्स में डिजिटल साक्षरता और तकनीकी कौशल की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए टीवीईटी प्रणालियों को सुधारने के महत्व पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि भोज विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. संजय तिवारी थे, जिन्होंने प्रौद्योगिकी-संचालित दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा, “नवाचार हमें आज जीने और कल के लिए आशा करने के लिए प्रेरित करता है।” सीपीएससी के महानिदेशक डॉ. एस.के. धमेजा ने वैश्विक कौशल विकास के उभरते परिदृश्य तथा शैक्षिक प्रणालियों को शीघ्रता से अनुकूलित करने की आवश्यकता पर चर्चा की। एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक डॉ. सी. सी. त्रिपाठी ने भविष्य के लिए ग्लोबल वर्कफोर्स के निर्माण में टीवीईटी की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने “स्मार्ट रेडीनेस इंडेक्स और आईआर 4.0” पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी में डॉ. धीरज कुमार द्वारा “बदलते परिदृश्य में शैक्षणिक गतिविधियां” विषय पर चर्चा की। श्री राजीव अग्रवाल द्वारा “उद्योग सहयोग एवं हितधारक जुड़ाव” पर एक विशेष व्याख्यान दिया गया, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
समापन उद्बोधन प्रो. संजय अग्रवाल ने दिया। इस कार्यक्रम ने नेटवर्किंग और सहयोग के लिए मूल्यवान अवसर भी प्रदान किए, जहां प्रतिनिधियों ने संभावित साझेदारियों पर चर्चा की और तेजी से बदलती दुनिया में टीवीईटी की चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों पर विचार साझा किए।
#टीवीईटी, #इमर्जिंग_टेक्नोलॉजी, #निटर_भोपाल, #शिक्षा, #प्रौद्योगिकी_विकास