भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है उन्होंने 1 साल के कार्यकाल पर पुस्तक का विमोचन किया इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। एक साल पूरा होने के अवसर पर गिरीश गौतम ने प्रेस वार्ता कर अपने कार्यकाल की उपलब्धिया गिनाते हुए आने वाले समय में किये जाने वाले नवाचार की जानकारी दी।

गिरीश गौतम ने कहा कि मेरे एक साल के कार्यकाल में मेरे उपर पक्षपात का एक भी आरोप नहीं लगा।  उन्होंने कहा कि हम सदन के प्रश्नकाल में ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसमे विधायक पॉइंट टू पॉइंट प्रश्न पूछे जिससे समय की बचत हो और सभी विधायकों के प्रश्न आ सके। गिरीश गौतम ने कहा कि आने वाले सत्र के दौरान उत्कृष्ठ कार्य करने वाले विधायकों पत्रकारों और मंत्रियों को पुरुस्कृत किया जायेगा। वही तीन मार्च को पूर्व विधायकों को आमंत्रित कर बैठक में उनकी भी समस्याएं सुनी जाएगी।

सदन/ समितियों के संबंध में

(1) सदन एवं  सदस्यों से संबंधित विभिन्न विषयों/मुद्दों पर अध्यक्ष को परामर्श देने संबंधी समिति।

(2) पिछडावर्ग – कल्याण – समिति।

(3) अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण समिति।

(4) शिष्टाचार एवं सम्मेलन अनुरक्षण समिति संबंधी प्रथम वार चार समितियों का गठन किया गया।

(5) 9 मार्च महिला दिवस पर सभापति श्रीमती झूमा सोलंकी को सदन की कार्यवाही का संचालन का दायित्व दिया तथा महिला विधायकों ने प्रश्न पूछे।

(6)1954 से लेकर 2021 तक 1161 शब्द एवं वाक्यों को असंसदीय माना गया एवं पूर्व पीठासीन अधिकारियों द्वारा विलोपित किया गया। जिसका संकलन तैयार कर प्रकाशन किया गया, जिसका उद्देश्य वर्तमान माननीय सदस्य इन विलोपित शब्दों का उल्लेख सदन में न करें।

(7) प्रश्नकाल में लिखित प्रश्न पढ़ने एवं दोहराने की अनुमति नहीं होगी संबंधित प्रश्न के पूरक प्रश्न ही माननीय सदस्य पूछ सकते है जिससे 1 घंटे में अधिक से अधिक प्रश्नों पर चर्चा हो सके इसका प्रयास किया गया एवं किया जा रहा है।

(8) माननीय मंत्री जी जिस तरह तारांकित प्रश्न के उत्तर की ब्रिफिंग (तैयारी) विभाग के अधिकारियों द्वारा कराई जाती है उसी तरह सम्मेलन कक्ष में माननीय विधायकों की ब्रिफिंग वरिष्ठ सदस्यों के साथ सचिवालय द्वारा कराया जा रहा है।

(9) 15वी विधान सभा में प्रथम वार के 82 सदस्य चुनकर आये है इन  सदस्यों को सदन में एक दिन का प्रश्नकाल का समय विगत सत्रों में दिया गया जिसमें अधिक से अधिक माननीय सदस्यों ने भाग लिया।

(10) विधान सभा के संसदीय उत्कृष्ठता पुरस्कार 2008 से नही दिए गए है। अब विधान सभा संसदीय पुरस्कार  फिर से शुरु किया जा रहा है। इनमें श्रेष्ठ मंत्री , विधायको के साथ ही विधान सभा के श्रेष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारियों का चयन होगा।

(11) पत्रकार जगत से दो पुरस्कार है संसदीय पत्रकारिता पुरस्कार – (प्रिंट) प्रदेश की प्रथम महिला नेता प्रतिपक्ष श्रीमती जमुना देवी की स्मृति में संसदीय पत्रकारिता पुरस्कार एवं (इलेक्ट्रानिक) वरिष्ठ पत्रकार मणिशंकर बाजपेयी की स्मृति में।

(12) विधायक पुरस्कार पूर्व मुख्यमंत्री श्री सुन्दरलाल पटवा की स्मृति में दिया जावेगा तथा मंत्री पुरस्कार प्रथम मुख्यमंत्री श्री रविशंकर शुक्ल की स्मृति में दिया जावेगा।

(13) आमजन की समस्याओ का अभ्यावेदन स्वीकार कर निराकरण किये जाने के प्रयास हो रहे है।

(14) विधान सभा की वित्तीय समितियों के साथ अन्य समितियों को भी शसक्त बनाने का प्रयास किया गया है। विशेषकर आश्वासन समिति एवं प्रश्न संदर्भ समिति के आश्वासनों की पूर्ति तथा और अधिक समिति की बैठके हो इस पर निरंतता जारी है।

(15) विधान सभा की समितियों में माननीय सदस्य अधिक से अधिक उपस्थित रहें इस पर विशेष प्रयास किया जा रहा है।

(16) विधान सभा समितियों में विभागीय अधिकारी साक्ष्य में विशेष कारण  होने पर ही अनुपस्थिति रह सकेगे, नही तो समिति के अनुरोध पर अध्यक्ष इसे संज्ञान में लेकर अग्रिम कार्यवाही प्रस्तावित होगी।

 

राज्य के बाहर मध्यप्रदेश विधान सभा का प्रतिनिधित्व / सम्मेलन / आमत्रंण

(1) 82वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन शिमला में प्रारंभ हुआ जिसमें म.प्र. की ओर से स्टेडिंग कमेटी की बैठक को संबोधित किया जिसमें कहा गया कि लोक सभा अध्यक्ष कुछ मार्गदर्शक सिंद्धात जारी कर सकते है जो देश की सभी विधान सभाओं में लागू किया जा सकें। तथा अपने उद्वबोधन में कहा था कि बिना बहस के पास होने पर कानूनो के विषय पर विचार किया जाना चाहिये। विशेष कर दांडिक अपराध के लिए तैय होने वाले ऐसे कानूनो पर सदन में बहस अत्यन्त आवश्यक है।

(2)  पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के दौरान विधान सभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम नें लोक सभा स्पीकर के सामने सुझाव रखा था कि वर्तमान में सिर्फ गुजरात विधान सभा की अध्यक्ष महिला है इसलिए वहां की अध्यक्ष डॉ नीमाबेन भावेश भाई आचार्य को पीठासीन सम्मेलन में सभापति बनाया जाय, लोक सभा अध्यक्ष ने इस सुझाव को मानते हुए डॉ.नीमाबेन को सभापति नियुक्त किया। इस कार्य की सदन में एवं देश में काफी प्रसंसा हुई।

(3) लोकसभा में लोक लेखा समिति के सताब्दी वर्ष राष्ट्रीय सम्मेलन में विधान सभा अध्यक्ष एवं सभापति लोक लेखा एवं प्राक्कलन समिति के साथ प्रमुख सचिव ने भाग लिया तथा वर्ष 2015 में लोक सभा में सम्मेलन में आये सुझावों को लागू किये जाने के साथ और अधिक लोक लेखा समिति शसक्त बने इस पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

(4) उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष से मुलाखात एवं उप समिति पीठासीन की मध्यप्रदेश में बैठक किये जाने का आमत्रंण।

(5)  माननीय लोक सभा अध्यक्ष से मुलाखात कर मध्यप्रदेश में भी पीठासीन सम्मेलन किया जावे, इस तरह का प्रस्ताव म.प्र.विधान सभा की ओर से दिया गया।

(6) मानी जानी पूना की संस्था ‘भारतीय छात्र संसद” का 23 से 28 सितम्बर, का आयोजन हुआ जिसमें “‘राजनीति में युवा – भ्रम और यथार्थ” विषय पर वर्च्युयल रुप में संबोधित किया।

 

विधान सभा सचिवालय के अंतर्गत कार्य

(1) विधान सभा के तृतीय / चतुर्थ श्रेणी के 44 कर्मचारियों को पारी से बाहर आवास मुख्यमंत्री जी से आवंटित कराकर दिये गये। कर्मचारियों को आवांस आवंटन में प्राथमिकता महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में रही शेष बचे मकान अन्य के कर्मचारियों कि दिया गया।

(2) विधान सभा सचिवालय में प्रथम वार अधिकारियो / कर्मचारियों के समस्याओ पर अभ्यावेदन समिति का गठन किया गया। जिसमें कर्मचारियों को क्रमोन्नति / पदोन्नति / समयमान वेतनमान एवं ग्रेडेशन लिस्ट जैसी आदि समस्याओं का निराकरण 6 माह में किया गया एवं किया जा रहा है।

(3) उप सचिव स्तर के समस्त अधिकारियों को प्रथम वार राज्य शासन, मंत्रालय के उप सचिव के समान वाहन की सुविधा दी गई है।

(4)  विधान सभा अध्यक्ष द्वारा पहली बार नई परम्परा शुरु कर अतिंम छोर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचालियों के साथ उनकी समस्याओं के लिए एक अतिरिक्त कक्ष में बैठक की एवं उनकी समस्याएं सुनी एवं निराकरण करने का प्रयास किया गया एवं इसी तरह तृतीय एवं द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों / अधिकारियो की भी श्रेणीवार वर्गवार पृथक पृथक निरंतर बैठक कर उनका समाधान किया गया। इसी तरह प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की भी समस्याए जानी एवं उसका निदान किया गया। जो निरंतर जारी है।

(5) विधान सभा सचिवालय की विभिन्न शाखाओं को आधुनीकरण से सुसज्जित किया जा रहा है। सचिवालय की प्रश्न शाखा, सदस्य सुविधा शाखा सहित अनेक शाखाओं का नया लुक के रुप में सुसज्जित किया गया है। जिससे कर्मचारियो / अधिकारियों में कार्य करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

(6) रचना नगर आवासीय योजना में माननीय सदस्यों एवं विधान सभा के कर्मचारियों तथा आमजन के लिए सरल एवं सुलभ किया।

 

विधायकों की सुविधायें

(1) अवकाश के दिनों में भी रेलवे आरक्षण एवं कूपन सुविधा पहली वार मिल रही है।

(2) अध्यक्षीय द्वार से माननीय मंत्री / विधायकों को प्रवेश की अनुमति।

(3) म.प्र.भवन, नई दिल्ली में नया भवन बनाया जा रहा है जिसमें महामहिम राज्यपाल/माननीय मुख्यमंत्री की तरह माननीय विधान सभा अध्यक्ष / नेता प्रतिपक्ष का भी कक्ष के साथ माननीय सदस्यों के लिए विशेष आरक्षण सुविधा किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।

(4) सदन में दिये गये  भाषण की आडियो / वीडियो की सुविधा पहली बार प्रारंभ की गई है। माननीय सदन के सदस्यों की दिये गये भाषण की वीडियो पेनड्राईव में तुंरत उपलब्ध होती है।

(5) विधान सभा की “‘अ” पार्किंग में माननीय मंत्रियों की तरह विधायको को पूरी तरह कर दी गई है। एवं आयुक्त, सचिव स्तर के अधिकारियों को “‘ब” पार्किंग दी गई है।

(6) प्रथम वार प्रोटोकाल समिति का पृथक से गठन किया गया (मान.सदस्यों की शिष्टाचार एवं सम्मान अनुरंक्षण समिति ) का गठन किया गया है।

 

पूर्व विधायकों के संबंध में

विधायक विश्राम गृह में पूर्व विधायकों को निम्नलिखित सुविधाये

(1) एक माह में 6 दिवस ठहरने एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था निःशुल्क की गई है।

(2) 25 कमरे पूर्व विधायको के लिए आरक्षित किये गये है। महिला पूर्व विधायकों को पांच कमरे विशेष रुप से हमेशा आरक्षित रहेंगे, जो महिला विधायक को दिया जावेगा।

(3) भोजनालय में माननीय सदस्यों की तरह पूर्व विधायकों को पृथक से बैठने की व्यवस्था रहेंगी।

(4) पूर्व विधान सभा अध्यक्ष एवं पूर्व विधायकों को प्रोटोकाल में शामिल किये जाने हेतु विधान सभा द्वारा अनुशंसा कर, शासन में प्रेषित किया गया है।

(5) पूर्व विधायको का सम्मेलन प्रस्तावित है।

 

विन्ध्य के विकास के लिए समर्पण

(1) जन संवाद कर समस्याओं का निराकरण हेतु “सायकिल यात्रा” निकाली गई, जिसको पूरे प्रदेश / देश में जाना गया। सायकिल यात्रा एतिहासि क्यों थी ?

=   प्रोटोकाल के बिना यात्रा की गई।

=   आमजन सायकिल यात्रा में शामिल थे।

=   आमजन की समस्याओं का त्वरित निकारण किया गया।

=   लोक संस्कृति / नित्य।

=   आदिवासी / मजदूर परिवारों के साथ भोजन।

=   स्कूल एवं कालेजों में रात्रि विश्राम तथा रुकने का भुगतान किया गया।

=   खेतो में धान काटने से लेकर स्कूलों में पढ़ाने तक का सफर सायकिल यात्रा में की गई।

=   ब्लड बैंक को ब्लड डोनेट करने आदि जैसे सामाजिक कार्य भी हुए।

 

(2) विगत एक वर्ष में विन्ध्य के लिए सिचाई / सड़क एवं देवतालाब विधान सभा क्षेत्र के लिये मेरे (मान.अध्यक्ष) अनुरोध पर मान. मुख्यमंत्री जी ने काफी कार्य किये है.।

(3) विन्ध्य को नई रेल (साप्ताहिक) प्राप्त हुई है।

(4) रेल सुविधा के लिए निरंतर जी.एम. एवं डी.आर.एम.से मुलाखात की गई।

(5) मरीजों को ठहरने के लिये नागपुर में भवन बनाने का प्रयास .

(6) रीवा में कैंसर रिसर्च सेंटर / हास्पिटल की स्थापना की पहल जारी है।

 

विधान सभा में प्रवेश एवं पत्रकार दीर्घा

(1) पत्रकारों के प्रवेश तथा पत्रकार दीर्घा में कोविड-19 के अंतर्गत बैठने की व्यवस्था का के साथ प्रिंट एवं एलेक्ट्रानिक मीडिया के वार्ता की समुचित व्यवस्था का सरलीकरण करने का प्रयास किया गया।

(2) डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों के साथ म.प्र.विधान सभा के सदस्यों के साथ प्रथम वार बैठक हुई जिसमें कोवि़ड-19 के साथ ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार हेतु चर्चा हुई।