सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को आ रही है। इस फिल्म के डायरेक्शन, प्रोडक्शन और एक्टिंग में कंगना ही दिखाई देंगी। कंगना ने कहा कि वे अब किसी प्रोड्यूसर के दबाव में काम नहीं करेंगी। प्रोड्यूसर्स बेवजह डायरेक्टर और एक्टर का शोषण करते हैं।
कंगना ने यह बातें दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कही हैं। उन्होंने इमरजेंसी जैसे सेंसिटिव मुद्दे पर फिल्म बनाने की वजह भी बताई।
सवाल- इमरजेंसी जैसी फिल्म बनाने का ख्याल कहां से आया?
जवाब- आज की जेनरेशन को इमरजेंसी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। उस वक्त की स्थिति कैसी थी, यह आज की पीढ़ी नहीं जानती है। पूरा देश उस वक्त खुले जेल के रूप में तब्दील हो गया था। मैंने इंदिरा गांधी जी की बायोग्राफी पढ़ी।
मुझे समझ में आया कि एक बार इंसान जब पावर देख लेता है तब वो धीरे-धीरे उसकी गिरफ्त में चला जाता है। फिर वही पावर उससे कुछ भी कराने लगती है। आम तौर पर राजनेताओं की लाइफ को दूसरे तरीके से दिखाया जाता है। मैं फिल्म के जरिए एक नेता के जीवन का मानवीकरण करना चाहती थी, यही सोचकर इसे बनाने का ख्याल आया।
सवाल- फिल्म को बनाते वक्त क्या चुनौतियां आईं?
जवाब- फिल्म का मुद्दा सेंसिटिव है, इसलिए इसे बनाने के बारे में सोचना ही सबसे चुनौतीपूर्ण काम था। फिल्म में अटल जी, जय प्रकाश नारायण जी और आडवाणी जी के किरदार भी देखने को मिलेंगे। उनके साथ उस वक्त कैसा जुल्म हुआ, उसे पर्दे पर दिखाना आसान नहीं था।
सवाल- एक्टिंग के अलावा प्रोडक्शन और डायरेक्शन का जिम्मा भी आपने ही संभाला है, क्या कहेंगी?
जवाब- प्रोड्यूसर बनने के पीछे एक वजह थी। मैं किसी प्रेशर में काम करना नहीं चाहती थी। इंडस्ट्री के प्रोड्यूसर कई बार डायरेक्टर्स के ऊपर दबाव बनाते हैं। उनके काम में हस्तक्षेप करते हैं। मुझे यह सब नहीं चाहिए।
यही सोचकर मैंने फिल्म को प्रोड्यूस भी किया। हालांकि मैं सच बता रही हूं कि पैसे के मामले में मेरा हिसाब-किताब बहुत गड़बड़ है। मैं आर्टिस्ट को पैसे देने में पीछे नहीं हटती हूं। मेरी टीम वाले कहते हैं कि इतना पैसा कहां से आएगा। मैं कहती हूं कि मेरा घर बेच दो। (हंसते हुए)