सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : शिक्षा की अंतरराष्ट्रीय यात्रा ने एक ऐतिहासिक चक्र पूरा किया जब जर्मनी की एक प्रतिनिधि का आगमन राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान (Central University of Rajasthan) में हुआ। यह दौरा भारत सरकार की प्रतिष्ठित Category-I Framework के अंतर्गत हुआ, जो वैश्विक शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

प्रोफेसर (डॉ.) भुवन चंद्र महापात्र, निदेशक, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग एवं रिसर्च, केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान, ने इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए भावुकतापूर्वक साझा किया—
“तीस वर्ष पूर्व मैंने एक विद्यार्थी के रूप में जर्मनी की यूनिवर्सिटी का दौरा किया था। आज, जर्मनी की विदुषी हमारे विश्वविद्यालय का दौरा कर रही हैं। यही है भारत की बदलती तस्वीर – जो कभी ज्ञान के लिए विदेश जाता था, अब वह ज्ञान का केंद्र बन गया है।”
डॉ. महापात्र, जिन्होंने शिक्षा में Instructional Technology के क्षेत्र में भारत के पहले Ph.D. धारक होने का गौरव प्राप्त किया है, देश-विदेश में शिक्षा सुधारों और डिजिटल शिक्षण के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय में ओडीएल प्रणाली को मजबूती से स्थापित किया गया है, जो अब वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रही है।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सहयोग, नवाचार आधारित पाठ्यक्रम और National Education Policy 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी विचार-विमर्श किया गया।
यह मुलाकात भारत की उस नई पहचान का प्रतीक है, जहाँ “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को आत्मसात करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व का पथप्रदर्शक बन रहा है।
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