सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: जर्मनी ने 28 अफगान नागरिकों को उनके देश वापस भेज दिया है। इन सभी लोगों को शुक्रवार सुबह कतर एयरवेज के चार्टर प्लेन से भेजा गया। रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी अपराधियों को 1000 यूरो (करीब 93 हजार रुपए) दिए गए। प्लेन में उनके साथ एक डॉक्टर भी भेजा गया।

जर्मनी ने अफगानिस्तान में 3 साल पहले तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद इस तरह का पहला कदम उठाया है। जर्मनी के तालिबान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं, इसलिए कतर ने इन अपराधियों को अफगानिस्तान भेजने में मीडिएटर का काम किया।

BBC के मुताबिक जर्मन चांसलर के प्रवक्ता ने कहा कि ये सभी लोग अपराध में लिप्त थे। हालांकि उनका अपराध क्या था इस बारे में नहीं बताया गया। गृह मंत्री नैन्सी फेजर ने इस कदम को जर्मनी के लिए सुरक्षा का मुद्दा बताया।

चाकूबाजी की घटना के बाद उठाया कदम

जर्मन अखबार स्पीगेल के मुताबिक सरकार इसकी तैयारी 2 महीने से कर रही थी। लेकिन यह कदम सोलिंगन में चाकू से हमले की घटना के एक सप्ताह बाद उठाया गया। सोलिंगेन में 23 अगस्त को एक चाकूबाजी की घटना में 3 लोग मारे गए थे वहीं, 5 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे।

पुलिस ने एक दिन बाद हमलवार को पकड़ लिया था। संदिग्ध एक सीरियाई नागरिक है जिसने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन किया था। उसे पिछले साल बुल्गारिया भेजा जाना था, लेकिन वह जाने से पहले गायब हो गया जिस वजह से उसे भेजा नहीं जा सका।

इस्लामिक स्टेट ने सोलिंगन हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसने कहा कि फिलिस्तीन और बाकी दुनिया में मुसलमानों की मौत का बदला लेने के लिए ये हमला किया गया था।

जर्मनी में 8 दिन में दो चाकूबाजी के मामले

सोलिंगन में शुक्रवार को हुए हमले के ठीक एक दिन बाद जर्मनी में ही नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया में एक और चाकूबाजी की घटना हुई। एक बस में एक महिला ने चाकू से हमला करके पांच लोगों को घायल कर दिया।

महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक तीन लोगों की हालत गंभीर है। घटना के समय बस में कम से कम 40 अन्य यात्री सवार थे। आरोपी महिला के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।

अगले साल चुनाव, शरणार्थियों पर हमलावार हुईं दक्षिणपंथी पार्टी

जर्मनी में चाकूबाजी की घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहां 2025 में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में दक्षिणपंथी पार्टी AfD ने शरणार्थियों के खिलाफ बयानबाजी तेज कर दी है।

जर्मनी में इस साल 31 मई को जर्मनी के मैनहेम में भी एक अज्ञात हमलावर ने एक प्रदर्शन के दौरान चाकू से हमला किया था, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित 7 लोग घायल हो गए थे।

इसके बाद जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा था कि वे इन अपराधों में लिप्त रहने वाले सीरिया और अफगानी नागरिकों को उनके देश भेजेंगे।