सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज अमेरिकन एक्टर और फिल्ममेकर जॉर्ज क्लूनी का 63वां बर्थडे है। करीब 67 फिल्मों का हिस्सा रहे जॉर्ज ने टीवी शोज में भी काम किया है। वे करीब 46 साल से एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव हैं। उन्हें 2 ऑस्कर और 4 ग्लोडन ग्लोब अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

जॉर्ज प्रोफेशनल से ज्यादा पर्सनल लाइफ की वजह से चर्चा में बने रहे। उन्होंने 2 शादियां कीं। इसके अलावा, उनके 9 अफेयर भी रहे। इंडस्ट्री में जॉर्ज की दरियादिली के किस्से भी मशहूर हैं। उन्होंने 2013 में अपने 14 दोस्तों में हर किसी को 5.85 करोड़ रुपए दिए थे।

जॉर्ज के नेटवर्थ की बात की जाए तो वे दुनिया के सातवें सबसे अमीर एक्टर हैं। हालांकि, इस रेस में शाहरुख खान से पीछे ही हैं।

10 किस्सों में पढ़िए जर्नलिस्ट बनने का सपना देखने वाले जॉर्ज क्लूनी कैसे बने हॉलीवुड के फेमस एक्टर…

किस्सा 1- पिता नामी पत्रकार थे, इस वजह से सख्त माहौल में पले-बढ़े

आज से 62 साल पहले 6 मई 1961 को US के केंटकी राज्य में जॉर्ज क्लूनी का जन्म हुआ था। उनके पिता निक क्लूनी पेशे से एंकरमैन और टेलीविजन होस्ट रहे, जिन्होंने फेमस अमेरिकन चैनल AMC में 5 साल तक काम भी किया। वहीं, जॉर्ज की मां ब्यूटी क्वीन रही थीं।

इस तस्वीर में छोटे जॉर्ज पेरेंट्स और बहन के साथ।

सामान्य बच्चों की तरह जॉर्ज का बचपन बिल्कुल भी नहीं बीता। पिता नामी टेलीविजन होस्ट थे। लोग उन्हें सबसे सच्चा पत्रकार मानते थे। इसी वजह से उनकी पर्सनल लाइफ भी पब्लिक डोमेन में रहती थी। प्राइवेसी हर्ट होने का भी खतरा बना रहता था। ऐसे में उन्होंने जॉर्ज समेत अपने दोनों बच्चों को लाइमलाइट से दूर रखा और स्ट्रिक्ट माहौल में परवरिश की।

आम बच्चों की तरह जॉर्ज या उनकी बहन को घर से दूर जाकर खेलने या घूमने की आजादी नहीं थी। जॉर्ज ने एक इंटरव्यू में कहा था- हर कोई हमें जानता था, हमारे बारे में बात करता था। अगर मैं बास्केटबॉल खेल में विनर भी बनता, तो उसकी भी चर्चा अखबारों में होती थी।

किस्सा 2- 14 साल की उम्र में फेशियल पैरालिसिस हुआ, लोग मजाक उड़ाते थे

जॉर्ज ने अपनी स्कूलिंग केंटकी में ही रहकर की थी। जब वे 14 साल के थे, तब उन्हें बेल्स पाल्सी बीमारी हो गई थी। ये एक तरह का फेशियल पैरालिसिस होता है, जिसमें इंसान के चेहरे का आकार टेढ़ा हो जाता है।

यह पल जॉर्ज के लिए मुश्किलों से भरा हुआ था। स्कूल के बच्चे इस वजह से उन्हें हमेशा घूरते रहते और उनका मजाक बनाते थे। इस कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी हो गई। 9 महीने के लंबे इलाज के बाद उन्हें इस बीमारी से निजात मिली।

इस बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘यह पूरा समय बहुत अजीब था। हर कोई मुझे ही देखा करता था। मुझे लगता था कि ये सब अब कभी ठीक नहीं होगा। तब पिता मुझसे कहते थे- ये सब ठीक हो जाएगा। तुम ठीक हो जाओगे।’

किस्सा 3- पिता को देख पत्रकार बनने का सपना देखा, लेकिन पूरा नहीं हुआ

स्कूलिंग पूरी करने के बाद जॉर्ज प्रोफेशनल बास्केटबॉल प्लेयर बनना चाहते थे। हालांकि, उनका ये सपना अधूरा ही रह गया। इसके बाद वे अपने पिता की राह पर चल दिए। उन्होंने नॉर्दर्न केंटकी यूनिवर्सिटी से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी की।

हालांकि, अपने पिता के जैसे जर्नलिज्म फील्ड में जॉर्ज सफल नहीं हो पाए। जब उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की तो उन्हें महसूस हुआ कि वे इस काम के लिए नहीं बने हैं। ऐसे में उन्होंने इस प्रोफेशन को छोड़ना ही बेहतर समझा।

इतने बड़े पत्रकार के बेटे होने के बावजूद जॉर्ज को संघर्ष करना पड़ा। पत्रकारिता छोड़ने के बाद उन्होंने महिलाओं के जूते बेचने, घर-घर जाकर बीमा कराने, कंस्ट्रक्शन फील्ड में काम करने और तंबाकू बनाने जैसे काम किए।