सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सिकल सेल एनीमिया जैसे आनुवंशिक रोग के उन्मूलन के लिए जेनेटिक काउंसलिंग को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। बुधवार को राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में समुदाय, पंचायत प्रतिनिधियों और मध्यस्थों की भूमिका को सशक्त कर सामुदायिक सहयोग प्राप्त करना जरूरी है।

राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि वैवाहिक और गर्भधारण से पहले जनजागरूकता फैलाना इस रोग के नियंत्रण में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए वैकल्पिक औषधियों, विशेषकर वन औषधियों के वैज्ञानिक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया तेज़ करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि सिकल सेल रोग लगभग 21 अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है, अतः इसका प्रबंधन बहुआयामी और एकीकृत दृष्टिकोण से होना चाहिए। उन्होंने छात्रावासों के भोजन में लौह तत्व युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने, गर्भवती महिलाओं की जांच और नवजात शिशुओं के टीकाकरण में आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा और संदीप यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि सिकल सेल नियंत्रण के प्रयास व्यक्ति केंद्रित हों और हर रोगी व वाहक तक आवश्यक सेवाएं पहुंचे।

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