सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: NCTE के सूचना के अनुसार केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में जेण्डर संवेदीकरण- कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें विशिष्ट वक्ता के रूप में PGBT महाविद्यालय, भोपाल से निदेशक आर. के. स्वर्णकार उपस्थित हुए । निदेशक स्वर्णकार ने सभा में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए अपने वक्तव्य में जेंडर संवेदीकरण के महत्त्व को प्रतिपादित किया।

इस उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य को सम्पूर्ण वैदिक वाङ्मय एवं भारतीय ज्ञान परम्परा से भी जोड़ा । रामायण एवं महाभारत के उद्धरणों से समझाया । साथ ही सूचित किया कि समत्व की भावना अनिवार्य है । भौतिक ज्ञान के साथ सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान एवं शिक्षा का होना परम आवश्यक है ।


मुख्यातिथि अधिवक्ता, मध्यप्रदेश शासन श्रीमान् राज सक्सेना ने अपने वक्तव्य के माध्यम से शिक्षा में छात्र-छात्राओं के अधिकार के बारे में चर्चा किया साथ ही सूचित किया कि यदि हम शिक्षित होंगे तभी समानता आएगी । सभाध्यक्ष भोपाल परिसर के सह-निदेशक नीलाभ तिवारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में मातृवत्परदारेषु परद्रव्येषु लोष्ठवत् । आत्मवत्सर्वभूतेषु यः पश्यति स पण्डितः ।। की विस्तृत चर्चा किया । साथ ही सूचित किया कि कैसे हमारा वर्तमान काल पाश्चात्य शिक्षा के प्रभावों से धूमिल हो रहा है । संस्कृत संस्कृति और संस्कार को सुरक्षित रखना है तो शिक्षा अनिवार्य रूप से अपनाना होगा । इस कार्यक्रम मे आये हुए अतिथियों के लिए स्वागत भाषण एवं प्रास्ताविक प्रो. सोमनाथ साहु ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अशोक कुमार कछवाहा ने किया । कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र तिवारी ने
किया । इस कार्यक्रम को सुचारु रूप से सम्पन्न करवाने कि लिए आयोजन समिति सदस्य एस्.टी.पी. कनकवल्ली एवं प्रदीप कुमार ने सहयोग किया । इस अवसर पर परिसर के शिक्षाशास्त्र विद्याशाखा के समस्त प्राध्यापक एवं ITEP छात्र-छात्राएं उपस्थित थे । कल्याण मंत्र के साथ इस कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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