सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :करीब 15 महीनों से जारी इजराइल-हमास युद्ध की वजह से गाजा के 23 लाख लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं। सबसे खराब हालात उत्तर गाजा की है, जहां इजराइल ने सबसे पहले हमला किया था। हालात इतने खराब है कि UN की तरफ से भेजी जा रही राहत सामग्री को रास्ते में ही लूट लिया जा रहा है।

हाल ही में ऑक्सफैम की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उत्तर गाजा में पिछले ढाई माह में राहत सामग्री के सिर्फ 12 ट्रक ही पहुंच पाए, जबकि 100 से ज्यादा ट्रकों को रास्ते में ही लूट लिया गया। हालात इतने खराब हैं कि लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है।

औरतें और बच्चे कचरे के ढेर से खाना बीनकर खाने को मजबूर हैं। ऑक्सफैम का आरोप है कि 6 अक्टूबर से इजराइल जानबूझकर जबालिया, बेत लाहिया और बेत हनून की सैन्य घेराबंदी बढ़ा रहा है। ऐसा करके वो उत्तरी गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने से रोक रहा है।

गाजा में अब दुनिया में सबसे ज्यादा विकलांग बच्चे हैं। मेडिकल सेवाएं ध्वस्त हो चुकी हैं और ज्यादातर दवाएं खत्म हो चुकी हैं। लोग एक वक्त के खाने के लिए भी तरस रहे हैं।
गाजा में अब दुनिया में सबसे ज्यादा विकलांग बच्चे हैं। मेडिकल सेवाएं ध्वस्त हो चुकी हैं और ज्यादातर दवाएं खत्म हो चुकी हैं। लोग एक वक्त के खाने के लिए भी तरस रहे हैं।
सर्दियों की कड़कड़ाती ठंड में परिवारों के लिए न तो भोजन है और न ही आश्रय। शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
सर्दियों की कड़कड़ाती ठंड में परिवारों के लिए न तो भोजन है और न ही आश्रय। शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।

बच्चों को खेलने से मना करते हैं ताकि चक्कर न आएं गाजा में रहने वालों का कहना है कि परिवार के बड़े लोग बच्चों को खेलने से मना करते हैं, ताकि उन्हें चक्कर न आएं। 15 लोगों के परिवार में खाने के लिए सिर्फ एक पैकेट बिस्किट है। एक तिरपाल की कीमत 15 हजार रुपए है। एक तंबू बनाने के लिए 5 तिरपाल (76 हजार रुपए) चाहिए। बिजली की कोई संभावना नहीं है।

एक कर्मचारी ने बताया कि एक पूरा परिवार एक अंडे के लिए डेर अल-बला इलाके में खोज कर रहा था, ताकि टूटी हड्डी वाले एक रिश्तेदार की कैल्शियम की जरूरत पूरी हो सके। अंडे की कीमत लगभग 500 रुपए थी।

गाजा में बच्चे नंगे हाथ से खाने की चीजें तलाशते हैं। उन्हें बीमारी और बिना फटे बमों के संपर्क में आने का खतरा रहता है।
गाजा में बच्चे नंगे हाथ से खाने की चीजें तलाशते हैं। उन्हें बीमारी और बिना फटे बमों के संपर्क में आने का खतरा रहता है।
गाजा में लोगों का कहना है कि वे मुश्किल से जिंदगी जी रहे हैं और उनके पास खाने के लिए इतना कम है कि वे पत्ते खा रहे हैं।
गाजा में लोगों का कहना है कि वे मुश्किल से जिंदगी जी रहे हैं और उनके पास खाने के लिए इतना कम है कि वे पत्ते खा रहे हैं।

राफेह का अबू राहत सामग्री का बड़ा लुटेरा राहत ट्रकों के ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि गाजा में सबसे बड़ी लुटेरी गैंग यासर अबू शबाब की है। उसका गिरोह पूर्वी राफेह के नत्र इलाके पर हावी है। वह राफेह का माफिया है। 25 नवंबर को हमास ने छापा मारा, जिसमें अबू के भाई सहित 20 लोग मारे गए थे।

हमास का आरोप है कि गाजा में राहत सामग्री लूटने वाली गैंग को इजराइली सेना समर्थन दे रही है। दावा है कि शबाब की गैंग अभी तक सौ से ज्यादा ट्रकों को लूट चुकी है। इजराइल का कहना है कि हमास के लड़ाके ही राहत सामग्री लूट रहे हैं।

गाजा में कई बार खाने और पानी की तलाश में भटकते बच्चे हवाई हमलों के शिकार हो जाते हैं।
गाजा में कई बार खाने और पानी की तलाश में भटकते बच्चे हवाई हमलों के शिकार हो जाते हैं।
इजराइल ने पहली बार स्वीकार किया है कि हमास के पूर्व चीफ इस्माइल हानियेह की हत्या उसी ने की थी। सोमवार को इजराइल के रक्षा मंत्री काट्ज ने एक बयान के दौरान इसकी पुष्टि की। हूती विद्रोहियों के हमलों को लेकर दिए बयान में रक्षामंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि जिस तरह हमने हानियेह और सिनवार को मारा है, वैसे ही हूतियों को भी मार देंगे।

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