सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :  ब्राजील में आज से 19वीं G20 समिट शुरु हो रही है। इसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रियो डि जेनेरियो पहुंच चुके हैं। यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने संस्कृत मंत्रों से उनका स्वागत किया।

समिट दो दिन 18 और 19 नवंबर तक चलेगी। इस इकोनॉमिक संगठन में 19 देश और 2 संगठन (यूरोपियन यूनियन और अफ्रीकन यूनियन) शामिल हैं। पिछली बार G20 समिट का आयोजन भारत में हुआ था।

इससे पहले मोदी दो दिन के लिए नाइजीरिया दौरे पर थे। वहां उन्हें सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर’ से नवाजा गया। मोदी, ब्राजील के बाद गुयाना का दौरा करेंगे।

नाइजीरिया से सीधे ब्राजील के रियो डि जेनेरियो लैंड हुए PM मोदी। हाथ जोड़कर किया अभिवादन।

रियो डि जेनेरियो के एक होटल में भारतीय समुदाय की महिलाओं ने गरबा के साथ प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने होटल में उनका स्वागत करने खड़े बच्चों से मुलाकात की और फोटो खिंचवाई।

PM मोदी होटल के बाहर संत समाज के लोगों से भी मिले।

PM मोदी के स्वागत के लिए तिरंगा झंडा लिए खड़े भारतीय समुदाय के लोग।

एक महीने में दूसरी बार मिल सकते हैं मोदी-जिनपिंग

23 अक्टूबर को रूस के कजान में BRICS समिट के दौरान PM मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात।

G20 समिट के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी रियो पहुंचे हैं। यहां सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत होने की संभावना है। अगर ब्राजील में मोदी और जिनपिंग मिलते है तो ये दोनों नेताओं की एक महीने के अंदर दूसरी मुलाकात होगी।

इससे पहले 23 अक्टूबर को रूस के कजान में BRICS समिट में दोनों नेता पांच साल बाद मिले थे। यहां उनके बीच 50 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान PM मोदी ने कहा था कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके बाद भारत और चीन ने देपसांग और डेमचोक से सेनाएं बुला ली थीं।

2020 में भारत-चीन सीमा पर हुई गलवान झड़प के बाद से 2024 BRICS समिट तक दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई थी।

यूक्रेन और गाजा के मुद्दे पर भी हो सकती है चर्चा

G20 के तीन एजेंडा के अलावा रूस-यूक्रेन और मीडिल ईस्ट के युद्ध पर भी वर्ल्ड लीडर्स चर्चा कर सकते हैं। पिछले साल भारत में हुए समिट के दौरान सभी सदस्यों ने यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा कर जॉइंट स्टेटमेंट जारी की थी। हालांकि यूक्रेन, इजराइल और फिलीस्तीन G20 का हिस्सा नहीं है। वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही समिट में शामिल होने से मना कर चुके हैं। उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव समिट में शामिल होंगे।

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