सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :पूर्व PM मनमोहन सिंह को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने पूर्व PM के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भारत-अमेरिका संबंधों का महान समर्थक बताया। ब्लिंकन ने मनमोहन सिंह के कार्यों को पिछले 2 दशक में भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय उपलब्धियों की नींव बताया।
ब्लिंकन ने कहा कि पूर्व PM के नेतृत्व में हुए अमेरिका-भारत सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट ने दोनों देशों के संबंधों की संभावनाओं में बड़ा निवेश किया।
मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में गुरुवार देर रात दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया।
ब्लिंकन के अलावा कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह असाधारण बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और विवेक के धनी व्यक्ति थे। हार्पर ने कहा, ‘उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से गहरा दुख पहुंचा है।’
पूर्व PM के निधन पर वर्ल्ड मीडिया का रिएक्शन मनमोहन सिंह के निधन पर वर्ल्ड मीडिया में भी कई आर्टिकल पब्लिश हुए हैं। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें मृदुभाषी और बुद्धिजीवी बताया है। वहीं वॉशिंगटन पोस्ट ने भी पूर्व PM के निधन पर प्रतिक्रिया दी। अखबार ने अपनी पोस्ट में उन्हें बड़े बदलाव करने वाला नेता बताया है। अखबार उनके दोनों कार्यकाल पर टिप्पणी भी की।
BBC ने पूर्व PM को आर्थिक सुधार का प्रणेता बताया। इसके अलावा अंग्रेजी अखबार द गार्जियन ने अपने आर्टिकल में मनमोहन सिंह को अनिच्छुक प्रधानमंत्री कहा।
बतौर PM मनमोहन सिंह 72 विदेशी दौरे किए प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह अपनी पहली विदेश यात्रा पर थाईलैंड गए थे। 29 से 31 जुलाई तक के अपने दिवसीय दौरे पर उन्होंने BIMSTEC समिट में हिस्सा लिया। अपने 10 साल के कार्यकाल में PM मनमोहन सिंह ने लगभग 72 विदेश यात्राएं की थी। इनमें सबसे ज्यादा बार उन्होंने अमेरिका का दौरा किया था।
बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अहम समझौते
प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने कई प्रमुख समझौते किए। इनमें अमेरिका के साथ 2008 में किया गया सिविल न्यूक्लियर समझौता बेहद अहम रहा। इस समझौते ने भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा मोड़ने का काम किया।
इसके अलावा 2009 में आसियान देशों के साथ किया गया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी महत्वपूर्ण था। इस समझौते के बाद भारत को आसियान देशों में निर्यात पर टैक्स में छूट मिली। इससे भारत और आसियान देशों के बीच संबंध भी मजबूत हुए।
हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी… 27 अगस्त, 2012 को संसद परिसर में यह शेर पढ़ने वाले मनमोहन हमेशा के लिए खामोश हो गए। पूर्व प्रधानमंत्री पद्म विभूषण डॉ. मनमोहन सिंह ने 26 दिसंबर को दिल्ली AIIMS में अंतिम सांस ली।
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