भोपाल । बाघों की निगरानी के लिए भोपाल सामान्य वन मंडल अतिरिक्त ट्रैप कैमरा खरीदेगा। इन ट्रैप कैमरों से राजधानी भोपाल जंगल में बाघों के मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी। ये कैमरे 24 घंटे काम करते हैं। जब भी इनके आसपास से कोई बाघ या वन्यप्राणी गुजरते हैं तो ये कैमरे स्वत: उनके फोटो खींच लेते हैं। इस तरह क्षेत्र में बाघ व दूसरे वन्य प्राणियों के मूवमेंट के बारे में वन विभाग को जानकारी मिलती रहती है जो बाघों की सुरक्षा और निगरानी में काम आती है। भोपाल सामान्य मंडल के पास अभी 50 ट्रैप कैमरे हैं। इनमें से कुछ काफी साल पुराने होने के कारण ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। कुछ कैमरे बारिश में खराब हो गए हैं और कुछ काम कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से भोपाल के कलियासोत, मेंडोरा, बैरागढ़ चीचली से सटे जंगलों में बाघों का मूवमेंट बढ़ा है उसके हिसाब से कैमरे पर्याप्त नहीं है इसलिए इनकी खरीदी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है इस बार अच्छी क्वालिटी के कैमरे खरीदे जाएंगे। भोपाल सामान वन मंडल की समर्दा रेंज के रेंजर एके झंवर ने बताया कि बाघों की निगरानी के लिए बीटवार जिम्मेदारियां वन अमले को दी है। पैदल और बाइक से गश्त कर रहे हैं। दो व चार पहिया वाहन भी है उनकी भी मदद गश्त करने में ली जा रही है अधिकारियों की ड्यूटी भी सप्ताह में एक-एक दिन गश्त करने में लगी है। बाघों पर पूरा ध्यान है लेकिन ट्रैप कैमरे साक्ष्य जुटाने में मदद करते हैं जो कैमरे काम कर रहे हैं उन्हें अलग-अलग स्थानों पर लगाया गया है लेकिन उन स्थानों के अलावा भी बाघों के मूवमेंट मिल रहे हैं जिन पर नजर रखना बहुत जरूरी है। भोपाल के केरवा क्षेत्र में ई सर्विलांस टावर लगा हुआ है। यह भोपाल के जंगल में अंदर 12 से 18 किलोमीटर दूर तक जंगल में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखता है लेकिन इस टॉवर पर मूवेबल आधुनिक कैमरे लगे हुए हैं जो अपनी क्षमता के अनुरूप मूव करते हैं और जंगल में होने वाली गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं। कई बार इन कैमरों की मदद से लकड़ी चोरों को पकड़ा जा चुका है ।