आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : साउथ एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी आज अपना 42वां जन्मदिन मना रही हैं। अनुष्का एसएस राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली’ में देवसेना का रोल निभाकर पॉपुलर हुई थीं। उन्होंने अपने 18 साल लंबे करियर में तकरीबन 45 फिल्मों में काम किया है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था कि जब उन्हें एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वो योग सिखाती थीं और फिल्मी दुनिया से उनका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था।

अनुष्का एक्टिंग की दुनिया में आईं और उनकी किस्मत बदल गई। आज अनुष्का का नाम टॉप की साउथ एक्ट्रेसेस में लिया जाता है। वो अपनी लग्जरी लाइफ और प्रभास के साथ अपनी क्लोजनेस की वजह से भी चर्चा में रहती हैं। अनुष्का के जन्मदिन पर नजर डालते हैं उनकी लाइफ से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स पर…

योग इंस्ट्रक्टर से बनीं हीरोइन

अनुष्का का रियल नेम स्वीटी शेट्टी है। उनका जन्म 7 नवंबर, 1981 को मैंगलुरु, कर्नाटक में हुआ था। उनके पेरेंट्स का नाम ए.एन विट्ठल शेट्टी और प्रफुल्ला हैं। उनके दो बड़े भाई हैं जिनके नाम गुनरंजन शेट्टी और साईं रमेश शेट्टी हैं।

अनुष्का की शुरुआती पढ़ाई मैंगलुरु में हुई। इसके बाद उन्होंने BCA किया। उनका फिल्मों से दूर-दूर तक कोई कनेक्शन नहीं था। उन्होंने योग गुरु भरत ठाकुर से योग सीखा और फिर खुद योग इंस्ट्रक्टर बन गईं। एक दिन योग क्लास में साउथ फिल्म डायरेक्टर मेहर रमेश की उनपर नजर पड़ी। उन्होंने अनुष्का को हीरोइन बनने का ऑफर दिया।

अनुष्का एक्टिंग के बारे में कुछ नहीं जानती थीं इसलिए उन्होंने ये ऑफर ठुकरा दिया। बाद में डायरेक्टर के काफी समझाने के बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म 2005 में आई ‘सुपर’ थी जिसे पुरी जगन्नाथ ने डायरेक्ट किया था।

फिल्म की शूटिंग के दौरान पुरी जगन्नाथ और प्रोड्यूसर नागार्जुन को लगा कि स्वीटी नाम दर्शकों को ज्यादा अपील नहीं करेगा इसलिए उनका नाम बदलना चाहिए। काफी सोचने के बाद अनुष्का नाम फाइनल हुआ और स्वीटी के बजाए एक्ट्रेस अनुष्का शेट्टी के नाम से पहचानी जानी लगी। इसी साल अनुष्का की फिल्म महानंदी रिलीज हुई। ये दो फिल्में करने के बाद अनुष्का एक्टिंग छोड़ना चाहती थीं।

फिल्म इंडस्ट्री छोड़ना चाहती थीं अनुष्का

अनुष्का ने एक इंटरव्यू में बताया था,’साल 2005 में जब मैं अपनी डेब्यू फिल्म ‘सुपर’ की शूटिंग कर रही थी तब मैं सेट से भाग जाना चाहती थी। जब मैं इंडस्ट्री में आई तो बिल्कुल क्लू लैस थी। इसे समझने में मुझे करीबन दो साल का वक्त लगा। मेरे आसपास के लोग काफी सपोर्टिव थे पर मैं खुद को कमजोर समझकर बेहतर बनाने की कोशिश करती रहती। मेरा मानना है कि कोई भी प्रोफेशन आपको लाइफ के बारे में फिल्म इंडस्ट्री से बेहतर नहीं सिखा सकता।’