सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : फिल्ममेकर आदित्य धर ने कहा कि उनकी अपकमिंग फिल्म आर्टिकल 370 प्रोपेगैंडा बेस्ड फिल्म नहीं है। दरअसल गुरुवार को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि फिल्म को जानबूझ कर चुनाव के पहले रिलीज किया जा रहा है, ताकि मौजूदा सरकार को फायदा पहुंचाया जा सके।
अब फिल्म के प्रोड्यूसर आदित्य धर ने कहा कि मौजूदा सरकार को चुनाव जीतने के लिए किसी फिल्म के सपोर्ट की जरूरत नहीं है। उन्होंने राम मंदिर बनाकर दिखा दिया, जो पिछले हजार सालों में भी नहीं हुआ। इसलिए ऐसी सरकार को हमारी एक छोटी सी फिल्म से क्या ही फायदा होगा। बता दें कि फिल्म की कहानी कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर बेस्ड है। फिल्म 23 फरवरी को रिलीज होगी। फिल्म में यामी गौतम लीड रोल में हैं।
फिल्म को सोच-समझ कर लिखा गया है
ट्रेलर लॉन्च के बाद से ही एक बड़ा सेक्शन फिल्म का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि ऐसी फिल्मों से सरकार को आने वाले आम चुनावों में फायदा हो सकता है। आदित्य धर ने ऐसी बातों को बकवास करार दिया है।
उन्होंने ट्रेलर लॉन्च इवेंट में कहा कि यह फिल्म पूरी तरह रिसर्च बेस्ड है। फिल्म को काफी सोच समझ कर लिखा गया है। आदित्य ने कहा कि वो कश्मीरी पंडित हैं, इसलिए इस फिल्म के साथ उनका काफी जुड़ाव है। आदित्य ने कहा कि इंडियन ऑडियंस बहुत स्मार्ट है। उन्हें पता है कि कौन सी फिल्म प्रौपेगैंडा वाली है और कौन सी नहीं।
उरी को भी टारगेट किया गया था, नतीजा क्या हुआ सबने देखा
आदित्य धर ने अपनी फिल्म उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक की भी बात की। उन्होंने कहा- उरी को भी कुछ लोगों ने प्रोपेगैंडा फिल्म बताया था। हालांकि फिल्म ने कैसा प्रदर्शन किया, ये सभी जानते हैं। मैं उस वक्त भी इन सब चीजों को इग्नोर करता था। मेरी सोच जब तक ऐसी रहेगी, मैं फिल्में बनाता रहूंगा। जिस दिन लगेगा कि मैं अपने पथ से विचलित हो गया हूं, उस दिन मैं फिल्ममेकिंग छोड़ दूंगा।
आदित्य ने बताया फिल्म द इम्मॉर्टल-अश्वत्थामा क्यों बंद हुईं
ट्रेलर रिलीज इवेंट के दौरान आदित्य ने फिल्म द इम्मॉर्टल-अश्वत्थामा के बारे में भी बात की, जो बनने से पहले ही ठंडे बस्ते में जा गिरी। उन्होंने बताया कि यह इंडियन सिनेमा से लिहाज से बहुत बड़ी फिल्म थी।
कोई भी कंपनी इसके VFX पर काम करने के लिए तैयार नहीं हुई थी। नतीजतन, फिल्म बन नहीं पाई। जब तक यहां टेक्नोलॉजी सस्ती नहीं हो जाती या देश में सिनेमा हॉल नहीं बढ़ जाते, ताकि अधिक लोग फिल्में देख सकें, तब तक सबको ऐसी फिल्मों का इंतजार करना होगा।