आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : 1978 के आस-पास संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी हार्ट सर्जरी हुई। इस घटना के बाद परिवार वाले उनकी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहने लगे। इस दौरान उनका वजन बहुत कम हो गया। हालांकि उम्मीद थी कि वो रिकवर कर लेंगे।
इस घटना के बाद संजीव कुमार के कमरे में बेड के पास घंटी लगा दी गई थी। उनके कमरे में हर किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। जब वो घंटी बजाते थे, तभी हाउस हेल्पर अंदर जा सकते थे। ड्राइवर शर्मा जी, कुक राम जी, नौकरानी रुकमनी और मैनेजर जमनादास जी, ये वो भरोसेमंद लोग थे, जो हर वक्त उनकी देखभाल के लिए घर पर मौजूद रहते थे।
हार्ट की सर्जरी के बाद संजीव कुमार वक्त के साथ रिकवर कर गए थे। उनकी सेहत में बहुत सुधार हो गया था। फिल्मों की शूटिंग में भी जाने लगे थे। इस तरह 5 साल बीत गए।
5 नवंबर 1985 को वो जुहू में फिल्म कत्ल की शूटिंग कर रहे थे। शाम 5 बजे शूटिंग खत्म कर उन्होंने कुछ डबिंग का काम किया। फिर एक पार्टी में गए, जहां उन्हें शामिल होना जरूरी था। अपना सारा काम खत्म करने के बाद वो प्रोड्यूसर नारी शिप्पी की बेटी शबनम के घर पाया खाने चले गए।
घर पर उन्होंने शबनम और उनके पति के साथ डिनर किया, खूब ढेर सारी बातें भी कीं। भोर 4 बजे तक सब एक साथ बैठे रहे, फिर वो अपने घर वापस चले आए। हाउस हेल्पर को ये बात पता थी कि अगर वो इतनी देर आए हैं, तो सुबह 10:30 से पहले नहीं उठेंगे।
अगले दिन 6 नवंबर 1985 को जमनादास जी घर आए और सीधे संजीव कुमार के कमरे में चले गए। जमनादास ही एकमात्र ऐसे शख्स थे जिन्हें उनके कमरे में किसी भी वक्त जाने की परमिशन थी। जब वो कमरे में पहुंचे तो देखा कि संजीव कुमार खूब उल्टियां कर रहे थे। ये देख वो डर गए। उनकी ये हालत देख जमनादास जी ने तुरंत डॉक्टर गांधी को कॉल किया और उन्हें लेने चले गए।
इसी बीच एक्टर सचिन पिलगांवकर संजीव कुमार के घर पहुंचे।
उन्होंने हाउसकीपर से पूछा- क्या हरि भाई घर पर हैं?
हाउसकीपर ने जवाब दिया- वो नहा रहे हैं?
सचिन- जमनादास जी कहां हैं?
हाउसकीपर- वो डॉक्टर गांधी को लेने गए हैं?
डॉक्टर का नाम सुनते ही सचिन घबरा गए और उन्होंने पूछा कि वो रात कितने बजे घर पहुंचे थे।
हाउसकीपर ने जवाब दिया – वो सुबह लगभग 4 बजे घर आए थे। वो किसी दोस्त के घर गए हुए थे।
हाउसकीपर की बात सुन उन्हें समझ में आ गया कि फिर से संजीव कुमार अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख रहे हैं। सचिन उन्हें बहुत प्यार करते थे। संजीव कुमार उनके लिए बड़े भाई की तरह थे। इस कारण उनकी चिंता लाजिमी थी।
फिर उन्होंने हाउसकीपर से पूछा- हरि भाई कितनी देर से नहा रहे हैं?
हाउसकीपर- आप के आने से 30 मिनट पहले से वो बाथरूम में नहाने चले गए थे।
ये सुन सचिन उस हाउसकीपर पर भड़क गए और कहा- क्या कोई 1 घंटे से अधिक नहाता है?
दोनों की बातचीत का सिलसिला जारी था कि इतने में जमनादास जी डॉक्टर गांधी को लेकर आ गए।
फिर सचिन ने जमनादास से सवाल किया- हरि भाई को क्या हुआ है?
जमुनादास ने उन्हें सुबह की पूरी घटना बताई और सभी संजीव कुमार के कमरे में बिना नॉक किए चले गए।
सबके मन में यही ख्याल था कि वो कपड़े पहन कर तैयार हो रहे होंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जब सभी कमरे में पहुंचे तो देखा कि वो पेट के बल जमीन पर गिरे पड़े थे। बगल में सॉर्बिट्रेट टैबलेट की शीशी पड़ी हुई थी।
संजीव कुमार को ऐसी हालत में देख डॉक्टर गांधी उनकी तरफ तेजी से भागे। CPR दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने दबी आवाज और सिर झुका कर कहा- हरि भाई हम सभी को छोड़ कर जा चुके हैं।
इस तरह फिल्म इंडस्ट्री का एक नायाब हीरा हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गया। आज संजीव कुमार की 38वीं पुण्यतिथि पर उनकी लाइफ को सिलसिलेवार तरीके से जानने के लिए हमने उनके भतीजे उदय जरीवाला से बात की। उदय जरीवाला उनके बड़े भाई के बेटे हैं।