सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित फिल्म ‘फुले’ इन दिनों विवादों में घिर गई है। फिल्म में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर सामने आते ही ब्राह्मण समुदाय के कुछ संगठनों ने एक विशेष सीन को लेकर नाराजगी जताई है। विवाद गहराने पर मेकर्स को ‘फुले’ की रिलीज डेट टालनी पड़ी है। साथ ही, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर कैंची भी चला दी है। अब इस पूरे मामले पर बॉलीवुड डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक तीखी पोस्ट शेयर करते हुए सेंसर बोर्ड की कार्रवाई और रचनात्मक आज़ादी में दखल देने पर सवाल उठाए हैं। उनकी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और सत्ता में बैठे लोगों पर भी उन्होंने परोक्ष रूप से निशाना साधा है।
फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने अपनी पोस्ट में लिखा, ”फिल्म धड़क-2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने कहा था कि मोदी ने भारत में जाति व्यवस्था खत्म कर दिया है। इस आधार पर संतोष फिल्म भी भारत में रिलीज नहीं हुई थी। अब ब्राह्मण को आपत्ति है फुले से। भैया जब जाति व्यवस्था ही नहीं है तो कहां का ब्राह्मण, कौन हो आप, आपकी क्यों सुलग रही है, जब जाति व्यवस्था था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई क्यों थे। या तो आपका ब्राह्मण एक्जिस्ट ही नहीं करता, क्योंकि मोदी के हिसाब से भारत में कास्ट सिस्टम नहीं है या सब लोग मिलकर सबको मूर्ख बना रहे हो, भाई मिलकर निर्णय कर लो भारत में जाति व्यवस्था है या नहीं, लोग मूर्ख नहीं हैं। आप ब्राह्मण हो या फिर आपके बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं, डिसाइड कर लो।”
अनुराग कश्यप ने इससे पहले भी फिल्म ‘फुले’ को लेकर उठे विवाद पर एक गुस्से भरा पोस्ट शेयर किया था। फिल्म ‘फुले’ का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है। पहले यह फिल्म महात्मा फुले की जयंती 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। हालाकि, विवाद के कारण फिल्म की रिलीज की तारीख स्थगित कर दी गई है। अब यह फिल्म 25 अप्रैल को रिलीज होगी।
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