आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : डिस्को डांसर भारत की पहली फिल्म थी, जिसने 100 करोड़ रुपए का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था। यह आंकड़ा देखकर फिल्म के लीड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती भी चौंक गए थे। मिथुन को विश्वास ही नहीं हुआ कि उनकी फिल्म ने इतने पैसे कमा लिए हैं।

मिथुन ने कहा कि आज के वक्त में 100 करोड़ कमाने वाली फिल्में फ्लॉप मानी जा रही हैं। कुछ वक्त पहले तक 50 से 55 करोड़ रुपए का कलेक्शन करने वाली फिल्में हिट मानी जाती थी, हालांकि अब ऐसा नहीं है। बता दें कि फिल्म डिस्को डांसर 1982 में रिलीज हुई थी। इसने भारत से ज्यादा ओवरसीज में कलेक्शन किया था। सोवियत यूनियन और मिडिल ईस्ट देशों में फिल्म काफी पॉपुलर हुई थी।

100 करोड़ कमाने वाली फिल्में अब फ्लॉप मानी जाती हैं- मिथुन

मिथुन चक्रवर्ती ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए कहा- अगर फिल्में किसी एरिया में 3 से 5 करोड़ का बिजनेस करती हैं, तो उसे ब्लॉकबस्टर माना जाता है। सभी टेरिटरी के नंबर्स जोड़ लिए जाएं तो यह आंकड़ा 50-55 करोड़ तक पहुंचता है, जो कि काफी शानदार है।

हालांकि आज के वक्त में देखें तो 100 करोड़ रुपए भी कमाकर फिल्मों को हिट का टैग नहीं मिलता। इन आंकड़ों को देखकर फिल्म मेकर्स उतने खुश नहीं होते।

मिथुन ने कहा- बाप रे इतने पैसे..

मिथुन ने आगे कहा- डिस्को डांसर ने जब 100 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। मैंने कहा कि बाप रे, इतने पैसे भी होते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डिस्को डांसर के 12 करोड़ टिकट बिके थे। यह फिल्म भारत से ज्यादा सोवियत यूनियन में पसंद की गई थी।

एक साल में सबसे ज्यादा फिल्में देने का वर्ल्ड रिकॉर्ड

डिस्को डांसर के बाद मिथुन चक्रवर्ती रातों-रात स्टार बन गए थे। आने वाले कुछ सालों में मिथुन सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते गए। 1989 में मिथुन की एक साथ 17 फिल्में रिलीज हुई थीं जिनमें इलाका, मुजरिम, प्रेम प्रतिज्ञा, लड़ाई, गुरू और बीस साल बाद जैसी फिल्में शामिल हैं। एक साल में सबसे ज्यादा फिल्में करने वाले बॉलीवुड एक्टर होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड मिथुन के पास है।

मिथुन के करियर में एक दौर ऐसा भी आया कि जब वे B ग्रेड फिल्में करने लगे। उनका स्टारडम कमजोर पड़ने लगा था। उनके बेटे मिमोह ने एक इंटरव्यू में इसकी वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा- हमारे होटल्स थे, उनके खर्चों को भी निकालना था।

बॉलीवुड और साउथ से जुड़े लोग होटल में रुकते थे। इन सबको मैनेज करने के लिए पैसों की जरूरत थी। पिता मिथुन एक दिन में चार शिफ्ट करते थे। हर सेट पर दो-दो घंटे देते थे। तब जाकर कुछ हद तक खर्चे निकलते थे।