नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के फिर से बढ़ते मामलों के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में उपचुनाव कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से मुलाकात करने वाला है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पश्चिम बंगाल की सात सीटों पर लंबित उपचुनाव को लेकर पिछले माह भी चुनाव आयोग से संपर्क किया गया था। माना जा रहा है कि इस उप चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट से सहयोगी से प्रतिद्वंद्वी बने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी मामूली अंतर से हार हुई थी। हार के बाद भी वह मुख्यमंत्री बन गईं हैं। ऐसे में, उन्हें नियमानुसार मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए नियुक्ति के छह महीने यानी नवंबर के पहले किसी सीट से निर्वाचित होना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस ने मई में 294 सदस्यीय विधानसभा में 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। संविधान के आर्टिकल 164 (4) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं है और वह मंत्रिपद पर आसीन होता है तो उसे छह महीने में विधानसभा या विधान परिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। अगर मंत्री बनाया गया कोई व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता है, तो छह महीने बाद वह पद पर नहीं बना रह सकता। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नवंबर तक उन्हें विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी।

दूसरी ओर, भाजपा उप-चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने की वजह से वह लगातार पश्चिम बंगाल में चुनाव कराए जाने का विरोध कर रही है। यह बात ममता बैनर्जी के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा जब राज्य में कोरोना स्थिति को देखते हुए ट्रेनों को फिर से शुरू नहीं किया जा सकता, तो ऐसी स्थिति में राज्य में उपचुनाव भी नहीं कराए जाने चाहिए। जबकि, चुनाव आयोग चुनाव कराने के लिए तीसरी लहर के असर का आंकलन करना चाहता है।

इससे पहले जुलाई मध्य में सुखेंदु शेखर और मोहुआ मोइत्रा सहित टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसी मांग को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि ममता बनर्जी की सीट की वजह से भाजपा अब यह उपचुनाव नहीं चाहती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस, मुख्यमंत्री ममता के लिए पैदा होने वाली किसी अड़चन पर गौर करते हुए तय टाइम फ्रेम में उपचुनाव कराना चाहती है। राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि भाजपा ने उत्तराखंड में चुनाव से बचने के लिए ही मुख्यमंत्री को बदला था।

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जब कोरोना के दैनिक मामले 22,000 से ऊपर दर्ज किए जा रहे थे, तब देश के कई राज्यों में चुनाव हो रहे थे और अब जब राज्य में कोरोना के डेली केसों की संख्या 900 पर आ गई है तो चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। चुनाव निकाय के सूत्रों ने कहा कि सात उपचुनाव सीटों पर चुनाव की तैयारी चल रही है मगर मतदान की तारीख के बारे में कुछ भी अभी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता।