सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: परिवार कल्याण के अस्थाई साधनों “अंतरा एवं छाया” के लिए पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस अवसर पर नर्सिंग ऑफिसर, कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर एवं एएनएम को परिवार कल्याण के अस्थाई साधनों के संबंध में तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में अंतरा एवं छाया के लाभ, उपयोग एवं लगाने की विधि की जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य विभाग जिला भोपाल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी , जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनोज हुरमाड़े, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन राजेश गौर, सुपरीटेंडेंट कर्नल वी एन खन्ना, वाइस डीन रुचि कालरा, गुरप्रीत कौर नंदमेर उपस्थित रहे। इस अवसर पर पीपुल्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा कहा गया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में शासन को सहयोग देने के लिए अस्पताल प्रबंधन प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि परिवार कल्याण के लिए अंतरा इंजेक्शन एवं छाया गोली सुरक्षित एवं आसान उपाय हैं। अंतरा इंजेक्शन या डीएमपीए महिलाओं के लिए एक आसान गर्भनिरोधक उपाय है, जिसे लगाने के बाद तीन महीनों तक गर्भधारण से सुरक्षा मिलती है । इसका पहला डोज डॉक्टर द्वारा महिलाओं की स्क्रीनिंग के बाद लगाया जाता है। उसके बाद की डोज, डॉक्टर, सीएचओ या एएनएम द्वारा लगवाई जा सकती है। अंतरा इंजेक्शन लगाने के साथ एमपीए कार्ड भी हितग्राही को दिया जाता है। जिसमें इंजेक्शन लगाने की तारीख लिखी होती है।
छाया या सेंटक्रोमैन गोलियां सेवन में आसान एवं सुरक्षित है जो कि गर्भधारण से बचाव करती हैं। माहवारी के पहले दिन इसकी एक गोली का सेवन किया जाता है एवं अगली गोली तीन दिनों के बाद खानी होती है। इस तरह पहले 3 महीने तक हफ्ते में दो बार, एक- एक गोली का सेवन किया जाता है। चौथे महीने से सप्ताह में एक बार इस गोली का सेवन किया जाता है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इन अस्थाई साधनों की पहुंच प्रत्येक लक्षित हितग्राही तक सुनिश्चित करने के लिए जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के मैदानी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अंतरा एवं छाया को वर्ष 2016 में परिवार कल्याण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। ये बेहद सुरक्षित, प्रभावी और उपयोग में आसान हैं। अंतरा एवं छाया की उपलब्धता उपस्वास्थ्य केंद्र स्तर तक करवाई गई है।
प्रशिक्षण शक्ति गोलाइत, ज्योति खरे, तबस्सुम खातून, पंकज मिश्रा, विनय कुमार पाठक द्वारा दिया गया एवं आईपास एवं पीएसआई संस्था द्वारा तकनीकी सहयोग दिया गया।