नई दिल्ली ।  फाल्गुनी नायर की कंपनी नायका स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है और उन्होंने अपने बलबूते देश की सबसे रईस महिलाओं में शुमार होकर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की किसी उपलब्धि पर पुरूषों के साथ उनकी तुलना या उन्हें पुरूषों के बराबर आंकना अब बेमानी है क्योंकि महिलाएं पुरूषों से कमतर तो कभी थी ही नहीं।

फाल्गुनी की सफलता की यह कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है। उन्होंने खुद से यह वादा किया था कि 50 साल की उम्र में वह अपना खुद का व्यापार शुरू करेंगी और 2012 में उन्होंने नायका की स्थापना करके इस वादे को निभाया। हालांकि उस वक्त उन्हें तो क्या दुनिया में किसी को यह एहसास नहीं था कि एक दिन उसी व्यापार की वजह से वह उद्योग जगत की मलिका बन जाएंगी।

ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की सूची में फाल्गुनी से पहले सिर्फ छह भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया था। 58 वर्ष की फाल्गुनी नायका के लगभग आधे शेयर्स पर मालिकाना हक रखती हैं और स्टॉक एक्सजेंज में लिस्टिंग के साथ उनके शेयर्स में आए जबर्दस्त उछाल के बाद उनकी नेटवर्थ 6.5 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। एक समय सिर्फ महिलाओं में पहचाना जाने वाला यह नाम आज दुनियाभर में गूंज रहा है।

देशभर में उनकी कंपनी के 70 स्टोर और 1500 से अधिक ब्रांड हैं। फाल्गुनी का जन्म 19 फरवरी 1963 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ। उन्होंने मुंबई में स्नातक स्तर की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान से उच्च शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1985 में नायर ने प्रबंधन परामर्श कंपनी ए एफ फर्गुसन एंड कंपनी में काम करना शुरू किया और 1993 में कोटक महिन्द्र ग्रुप के साथ जुड़ गईं।

इस दौरान उन्होंने कामयाबी के नये आयाम स्थापित किए और कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट बैंक की प्रबंध निदेशक तथा कोटक सिक्योरिटीज में निदेशक के पद पर रहीं। 50 की उम्र तक पहुंचते पहुंचते अमूमन लोग रिटायरमेंट और उसके बाद के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन फाल्गुनी ने इस उम्र में एक बहुत बड़ा दांव खेला और अपनी बेहतरीन नौकरी छोड़कर नायका की शुरुआत की।

दरअसल उस समय देश में महिलाओं के लिए विशिष्ट सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी न होने के कारण नायका को देश की महिलाओं ने हाथों हाथ लिया। उसके बाद की कहानी तो अब हर किसी की जुबान पर है। नायका संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ होता है अपने प्रमुख किरदार को निभाने वाली अभिनेत्री और इसमें दो राय नहीं हैं कि फाल्गुनी ने भारतीय बाजार में प्रवेश करके निवेशकों को जिस तरह से मालामाल कर दिया है, वह सही मायने में दलाल स्ट्रीट की नायका हैं।