न्यूयॉर्क । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के इस हफ्ते दो उच्च स्तरीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए न्यूयार्क पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उम्मीद जताई कि संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यक्रमों में अफगानिस्तान में स्थिति पर होने वाली चर्चा से बहुत उम्मीद है। जयशंकर सोमवार को यहां पहुंचे, उसी दिन भारत की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की स्थिति पर आपात बैठक आयोजित की गई।

10 दिनों में यह दूसरी बार है कि जब युद्धग्रस्त देश में तेजी से बिगड़ती स्थिति पर चर्चा के लिए भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। जयशंकर ने ट्वीट किया अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महत्वपूर्ण चर्चा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अपनी चिंताओं को प्रकट किया। उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान में ताजा घटनाक्रम पर भी चर्चा की और कहा हमने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की सराहना करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि दोनों शीर्ष राजनयिकों ने अफगानिस्तान संबंधी हालात पर चर्चा की।  सिलसिलेवार ट्वीट्स में जयशंकर ने कहा कि वह काबुल में स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा भारत लौटने के इच्छुक लोगों की बेचैनी को समझ सकता हूं।

हवाईअड्डे का संचालन मुख्य चुनौती है। इस संबंध में साझेदारों के साथ चर्चा की गई है। उन्होंने कहा भारत काबुल में सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं के लगातार संपर्क में है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर उसके शांतिरक्षा स्मारक पर एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।