दुर्ग । जय आनंद मधुकर रतन भवन के सभागृह में छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनिएवं विवेक मुनि के सानिध्य में कलश की स्थापना हुई। शोभा यात्रा के रूप में श्रमण संघ परिवार की महिलाएं केसरिया साड़ी पहनकर कलश अपने सिर पर रख कर जय घोष की ध्वनि के साथ बांधा तालाब परिसर से जय आनंद मधुकर रतन भवन पहुंची। संत गौरव मुनि के दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन में यह 48 दिवसीय अनुष्ठान आज आनंद ऋषि जी एवं प्रभा कवर जी के जन्म जयंती प्रसंग पर प्रारंभ हुआ आज 48 जैन परिवार के सदस्यों पति-पत्नी सह जोड़ें तथा वहां उपस्थित धर्म प्रेमी श्रावक श्रमिकों ने मिलकर भक्तांबर स्त्रोत का जाप अनुष्ठान प्रारंभ किया इस अनुष्ठान में 53 कलश की स्थापना की गई जिसमें ज्ञान दर्शन चरित्र के कलश भी शामिल है।
आनंद ऋषि जी एवं प्रभा कवर जी की जयंती मनी
आज की धर्म सभा आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी के जीवन दर्शन पर केंद्रित रही संत श्री गौरव मुनि ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा आचार्य भगवन संगठन प्रिय थे समर्पण समता और सेवा भाव आपके जीवन के अंदर कूट-कूट कर भरा था और यही आपके जीवन की पहचान थी। आनंद मधुकर रतन पाठशाला के नन्हे मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बेहतरीन प्रस्तुति दी श्रमण संघ स्वाध्याय मंडल एवं बालिका मंडल के सदस्यों ने आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी के जीवन दर्शन पर लघु नाटिका की प्रस्तुति दी जिसमें नील करनावट के अभिनव को उपस्थित जनों ने बेहद सराहा।
धर्म सभा में श्री जसराज पारख,पारसमल संचेती नेमीचंद नाहर निर्मल बाफना प्रेम चौरडिया सुरेश लुनिया रमेश बाधमार, विजय करनावट , नितिन संचेती,अमित बाघमार प्रकाश कांकरिया पदम छाजेड़ की आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय उपस्थिति एवं सहयोग रहा।