सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं। उनके मार्गदर्शन में, एम्स भोपाल ने विभिन्न शैक्षणिक मंचों पर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। विभिन्न सम्मेलनों और कार्यशालाओं में संकाय सदस्यों की भागीदारी न केवल उनके कौशल को बढ़ाती है बल्कि उन्हें नवीनतम प्रगति के साथ अद्यतन भी रखती है। इसी क्रम में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शासकीय स्वायत्त होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में “मानसिक स्वास्थ्य मायने रखता है” शीर्षक पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारी (होम्योपैथी) डॉ. आशीष कुमार दीक्षित ने भाग लिया। उन्होंने ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) और चिंता विकारों पर अपने विचार साझा किए तथा होम्योपैथी और मनोचिकित्सा के एकीकरण पर जोर देते हुए कहा कि यह संयोजन मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के लिए अधिक व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार प्रदान कर सकता है। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की एक बड़ी संख्या ने भाग लिया। डॉ. दीक्षित ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य उपचार में समग्र दृष्टिकोण का होना बहुत आवश्यक है। इसमें न केवल चिकित्सा बल्कि भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक समर्थन भी शामिल होना चाहिए।” उनके विचारों को सुनकर दर्शकों ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में विविधता और समावेशिता की आवश्यकता पर ध्यान दिया। कार्यक्रम के अंत में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने अपनी चिंताओं पर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन में गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त की। इस सेमिनार ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर जागरूकता बढ़ाने और देखभाल के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।